8 April 2023
फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैकरोन तीन दिन की चीन यात्रा कर कल पेरिस लौट गये।चीन के यात्रा पर 16 बिंदु का सरकारी पत्र (Communiqué) प्रेस को दिया गया।पहला 6 बिंदु फ्रांस-चीन के बीच आर्थीक संबंध को आगे बढ़ाने का था जो अभी €100 billion ट्रेड है।
दस (10) बिंदु मे अंतर्राष्ट्रीय मामले मे फ्रांस और चीन संयुक्त राष्ट्र से लेकर यूक्रेन लडाई तथा न्यूकिल्यर प्लांट पर भी आपसी सहयोग करें गें।यानि जर्मनी के तरह अब फ्रांस भी चीन से क़रीब होता जा रहा है।
कहा जा रहा है कि यूक्रेन लडाई मे जर्मनी के चीन और रूस के क़रीब जाने के कारण बाईडेन ने स्वीडेन के समुंदर मे जर्मनी का Nord Stream gas pipeline बम से सितंबर मे उडावा दिया, जिस से जर्मनी के चांसलर शुल्ज़ तथा लोग अमेरिका से बहुत नाराज़ हैं।देखना यह है कि मैकरोन के चीन की देस्ती के कारण अमेरिका अब फ्रांस मे क्या गुल खिलाता है?
चीन कभी यूरोपियन यूनियन (EU) से साझा दोस्ती नही करना चाहे गा ब्लकि यूरोप के अलग अलग देशो से दोस्ती कर अपना आर्थीक विकास करे गा।चीन अभी यूक्रेन लडाई भी जल्द ख़त्म नही होने दे गा क्योकि तेल और गैस के दाम बढ़ने से यूरोप कमज़ोर हो रहा है और चीन उस का फायदा उठा कर कोरोना के बाद अपनी अर्थव्यवस्था को पुन: मज़बूत कर ले गा।
यह वही मैकरोन हैं जो मार्च 2018 मे बनारस मे गंगा आरती करते हुऐ अस्सी घाट से दशाश्वमेध घाट घूम कर €8 billion का Rafale जहाज़ भारत को बेच दिया और पिछले साल $11 billion मे आतंकी Lafarge सीमेंट फैक्ट्री अदानी को बेच दिया मगर अब अंतरराष्ट्रीय मामले मे चीन का साथ दें गें।
#नोट: नीचे कल मैकरोन चीन मे शी जिनपिंग के साथ चाईनीज़ “ग्रीन टी” पी कर आनंदमयिए हो रहे थे।चीन ने हम से सब कुछ सीख लिया, शहर/गॉव का नाम पता बदलने से लेकर चाय पिलाना भी सीख लिया है।”वन्स मोर अमृत काल”