Post of 3rd September 2022

भारत का विदेशी कर्ज़ बढ कर तकरीबन $621 Billion हो गया है जिस मे 53% विदेशी मुद्रा मे और 31% रूपया मे है बाकी तो घरेलू कर्ज़ा है।

यह $621 billion का क़र्ज़ अडानी, अम्बानी और चीन के तुष्टीकरण कर नतीजा है।डॉलर पर तो अमेरिका का बर्चस्व है ही मगर चीन का पूरी दुनिया के pharmaceuticals, batteries & electronics goods मे है अगर आज चीन इन तीनो आवश्यक वस्तु की सप्लाई बंद कर दे तो भारत के साथ अमेरिका की भी दूकान बंद होती नजर आये गी।

The Economist, London पत्रिका अपने इस हफ्ता के अंक मे “The AA Economy” की सूर्खी दे कर दो ग्राफ के साथ भारत की अर्थव्यवस्था पर लेख लिखा है।

एकौनोमिस्ट लिखता है Messrs Adani and Ambani are equivalent to 4% of India’s GDP and people call it “AA Economy”. दोनों की कम्पनी आज $425 billion की है जो चार साल पहले केवल $112 billion की थी।दोनो ने भारत मे चार साल मे चार गुणा तरक्की किया है क्योकि यह दोनो सरकार के बहुत क़रीब माने जाते हैं।

मुकेश अम्बानी के Reliance company ने पिछले दस साल मे अपने निवेशकों को केवल 10% ही मुनाफ़ा दिया है जबकि इन की दौलत 2018-22 के बीच $58 billion से $100 billion हो गया है।

एकौनोमिस्ट लिखता है कि अडानी की कोई कम्पनी निवेशकों को कोई फायदा नही दे रही है सवाये Adani Wilmar जो सिंगापूर के कम्पनी के साथ है और दूसरी Gas distribution कम्पनी जो फ्रांस के TotalEnergy के साथ धंधा करती है।

#नोट: इस साल IMF ने भारत की GDP का 7% अनुमान लगाया है मगर ग़ौर करने की बात है कि 4% अडानी-अम्बानी देते हैं, यानि बाकि 3% मे पूरा हिन्दुस्तान है।भारत की अर्थव्यवस्था के लिए यह बहुत चिंता की बात है कि कृषि, स्वास्थ, बैंकिंग, मोबाईल, टाटा, बिरला आदि इत्यादि सब मिला कर 3% GDP के बराबर हैं।

भारत को विश्वगुरू बनने मे 50 साल और लगे गा।
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“THE AA ECONOMY”: ADANI AND AMBANI ECONOMY (PART-II)

सुबह मे एक पोस्ट के साथ दो ग्राफ The Economist, London का अडानी और अम्बानी के बिजनेस पर किया था। लोगो ने लिखा दो दिन से हल्ला है भारत दुनिया की पाँचवी बडी अर्थव्यवस्था इंगलैड को पछाड़ कर हो गई।मेरा कहना है कि पांचवी क्या यह झूठा आँकड़ा दे कर तीसरी अर्थव्यवस्था बन जाये गी।

हम ने एकोनौमिस्ट के Graph-2 का डिटेल्स नही लिखा क्योकि पोस्ट बडा हो जाता। भारत मे मार्च 2022 को $621 billion क़र्ज़ है जिस मे आधा से ज्यादा (53%) विदेशी मुद्रा डालर मे है और बाकी रूपया मे है।

#ग्राफ-2 मे अदानी की कम्पनी Adani Green Energy का विदेशी और भारतीय क़र्ज़ पूँजी का 20.2 गुणा ज्यादा है।यानि #Debt/Equity अनुपात 20.2 है।इस का मतलब है कि अदानी की यह कम्पनी क़र्ज़ा पर धंधा कर रही है और मुनाफा खा रही है। यह क़र्ज़ा हम आप के हर क़दम पर दिये जाने वाले टैक्स और बैंक का पैसा है।कम्पनी डूबी तो बैंक डूबे गा।

#Adani Green Energy का Share Price/Earnings (#P/E) 791.7 है, इस का मानी है कि अदानी अपनी लगाई पूँजी पर 791.7 गुणा कमा रहे हैं।कल इस शेयर का दाम Bombay Stock Exchange (BSE) मे 2,383 रूपया था जो औक़ात से सात सौ गुणा ज्यादा है।

#यही हाल Adani Transmission के एक शेयर का है।यह कल 3,866 रूपया था जिस का P/E ratio 444 है।

#Adani Total Gas के एक शेयर का कल BSE मे दाम 3,622 रूपया था और P/E ratio 801.5 times है।

#Adani Enterprises के एक शेयर का कल BSE मे दाम 3358 रूपया था और P/E ratio 360.6 times है।

#Adani Wilmar के एक शेयर का दाम 676 और P/E ratio 98.4 times है।

#Reliance के शेयर का दाम कल 2530 रूपया जबकि P/E ratio 26.7 times है।

इस को इस तरह से समझये P/E ratio जितना ज्यादा होगा, कम्पनी के मालिक को उतना ज्यादा फायदा है, क्योकि वह बैंक के कर्ज पर चल रही है न की मालिक के पूंजी (capital) पर।

#नोट: उम्मीद है कि अब सब लोग भारतीय “AA Economy” का धंधा और 27 सरकारी बैंक मे 17 के डूबने का कारण और विश्व के पाँचवी अर्थव्यवस्था की सच्चाई समझ गये होंगे।