Post of 15 August 2022

“افغان باقی، کوہسار باقی

الحکم للّٰہ، الملک للّٰہ “

15 अग्सत 2021 काबूल की तवारीख़ (history) का एक अहम दिन लिखा जाये गा।आज से तीस, चालीस साल बाद जब अफगानिस्तान की तारीख़ लिखी जाये गी तो CNN के भारतीय मूल के सहाफ़ी फ़रीद ज़करिया ((Fareed Zakaria) का कल का अफगानिस्तान के साबिक़ सदर अशरफ ग़नी के 45 मिनट के इन्ट्रव्वि को ज़रूर कोट किया जाये गा।

#फरीद ज़करिया ने अशरफ ग़नी से पूछा आप क्यो 15 अगस्त को काबूल छोड दिया? अशरफ ग़नी ने कहा मेरे पास दूसरा कोई चारा नही था।आप को पता है, अमेरिकन दूतावास उस दिन 9 बजे सुबह मे ही ख़ाली हो गया था, मेरे रक्षा मंत्री सुबह सवेरे मूल्क छोड कर भाग गये थे, हम को ज़हर दे कर मारने के लिए किसी मूल्क ने किसी को दस हज़ार डॉलर दे कर मेरे घर भेजा था……..

#फरीद ने पूछा रूस ने हल्ला उडा दिया कि आप लाखों डॉलर ले कर भागे।अशरफ ग़नी ने जवाब दिया आप रूस से पूछये वह क्यो गलत अफवाह उडाया।ग़नी ने कहा हम तो इतनी जल्दी मे सदर के महल से निकले की अपना पास्पोर्ट तक जेब मे नही रख सके, हम को तो हेलीकाप्टर से उज़बेकिस्तान के एक छोटे शहर मे मेरे बॉडी गार्ड ले गये, काबूल एयरपोर्ट पर मेरा हैलिकॉप्टर नही उतर सका क्योकि वहॉ अफ़रा तफ़री फैल चूका था।

#फरीद ने पूछा अमेरिका ने अफगानिस्तान मे ख़रबो डॉलर खर्च किया तो आप लोगो ने तरक्की क्यो नही किया। उस के जवाब मे ग़नी ने कहा वह billions and billions Dollar का काम अमेरिका के big contractors को मिलता था जो “60-80% cut (कट) लेते थे”। अशरफ ग़नी ने कहा अमेरिका ने सब कुछ “Plywood & Cardboard sheets” से बनाया, रूस ने भी अफगानिस्तान मे पक्का और पत्थर का मकान बनाया था मगर अमेरिका ने नही बनाया।अमेरिका ने अफ़ग़ानी फौज को मज़बूत नही बनाया, बल्कि फौज का ऑकडा तक झूठ था।हम ने $7 billion foreign exchange export कर जमा किया, उस को भी अमेरिका ने तालेबान को नही दिया, ज़ब्त कर लिया।

#ट्रम्प पर एक सवाल के जवाब पर अशरफ ग़नी ने कहा, ट्रम्प हम को चार साल तक confuse हो कर हामिद कर्ज़ई ही समझते रहे, आप ही के किसी अमेरिकन जो White House मे ट्रम्प का सलाहकार था उस ने अपनी किताब मे यह बात लिखी है……..

बहुत लम्बा ऐतिहासिक साक्षात्कार है जो वेसट्रन मिडिया के अफगानिस्तान के खेलाफ चल रहे प्रचार का परदाफ़ाश किया है।

“अफ़ग़ान बाक़ी, कोहसार बाक़ी

अलहुक्म लिल्लाह, अलमूल्क लिल्लाह”

#नोट: पहली तस्वीर ब्लू मौस्क, मज़ारे-ए-शरीफ की है और दूसरी तख्त-ए -रूसतम बुद्धिष्ठ स्तूप की है।
=====================
Some comments on the Post

Mohammed Seemab Zaman Fareed Zakaria का CNN पर GPS पर यह इंटरविव्व ज़रूर सूनये। यह तवारीख़ी बात चीत है जो सदियों दुनिया मे तारीख़ मे अशरफ ग़नी के बात को लिखा जाये गा।

फरीद बम्बई मे पैदा हुऐ, उन के वालिद रफीक़ जकरिया सहाफ़ी के साथ साथ कांग्रेस मे थे। फरीद की अम्माँ टाईम्स ऑफ इंडिया मे Editor थीं, जो कोविड से पिछले साल इंतक़ाल कर गईं।

Shaikh Mohammed Rafiqu, Mohammed Seemab Zaman Bhai शहरे औरंगाबाद महाराष्ट्र से आते थे, उसी शहर से हम भी आते हैं.

Kamal Siddiqui बहुत ही अच्छा पोस्ट सर, मजे की बात ये है कि ट्रंप अशरफ़ गनी को हामिद करजई समझते रहे।फिर तो अफ़गान के बारे में कभी कुछ सोचा नहीं होगा।

  • Mohammed Seemab Zaman जब कल हम अपनी फ़ैमली के साथ यह इन्ट्रव्वि सून रहे थे तो जब अशरफ ग़नी ने ट्रम्प के बारे मे यह बात कही तो हम सब लोग बेसाख़्ता हँसने लगे। यह बात ग़नी ने तालेहबान से ट्रम्प के समझौते के सिलसिले मे कहा।

Saeed Khan Arshi, प्लाईवुड कार्डबोर्ड का बनाया. क्या यह बात सही है सर

  • Mohammed Seemab Zaman फरीद ने मकान सब देखाया, कैंटोंनमेट का घर सब देखाया। उस ने रूस के वक्त का मकान देखाया। फरीद ने अंग्रोजो द्वारा 100-200 साल पहले हवेली और Palace बना देखाया जो आज तक है।

Shambhu Kumar
जब हुस्न था उनका जलवानुमा अनवार का आलम क्या होगा
हर कोई फ़िदा है बिन देखे दीदार का आलम क्या होगा
ग़नी भाई 2 डोनाल्ड द ट्रंप .

  • Mohammed Seemab Zaman जानते हैं, आप के मित्र S M Taqui Imam साहेब, जब ट्र्म्प का तज़किरा आता है तो मेरी पेशानी चूमते हैं कि हम ने ही उन को बताया ट्र्म्प अच्छा आदमी है वरना तो वह उस को खराब ही समझते थे!
  • Qasim Chaudhary, Mohammed Seemab Zaman हम खुद खराब आदमी समझते थे पर आपको पढ़ने के बाद उसकी अच्छाइयाँ दिखने लगी.
  • Shambhu Kumar, Mohammed Seemab Zaman आप और उस्ताद की चश्म ए इनायत सीधी रहे हम पर.

Ahmad Samani शुक्रिया सर अच्छी जानकारी मिली है.

Jamshed Jamshed अमेरिका हर जगह सिर्फ़ ख़ून ख़राबा करने और उस जगह को डिस्टर्ब करने के लिए घुसता है. पूरी तरह से किसी जंग को जीतना अमेरिका के बस की बात नहीं…
America is a successful loser and professional terrorist… बहुत बहुत शानदार पोस्ट.

  • Mohammed Seemab Zaman, Jamshed Jamshed साहेब, इस में हम ने बहुत सी बात नही लिखी क्योकि पोस्ट बडा हो जाता। बहुत शांदार बात-चीत है उस इन्ट्रव्वि मे।फरीद ने पूछा आप काबूल क्यो छोडा, यूक्रेन के ज़ेलेंसकी ने तो नही छोडा। उस पर अशरफ ग़नी का जवाब थे कि ज़लेंसकी को अमेरिका (CIA) एक हफ्ता पहले बता चूका था कि रूस तुम पर हमला करे गा मगर हम को CIA ने यह नही बताया कि वह लोग काबूल के दूतावास को सूबह मे ख़ाली कर के जा रहे हैं..
  • Jamshed Jamshed, Mohammed Seemab Zaman भाईजान अमेरिका और CIA सबसे बड़ा गिरकिट है.अमेरिका को असली तकलीफ़ ये भी है कि इसकी चालों का सबसे बड़ा पर्दाफ़ाश “”फ़ॉल ऑफ़ क़ाबुल”” की वजह से हो गया.

Azaz Siddiqui शुक्रिया sir जानकारी देने के लिए

Blue Mosque, Mazar-e-Sharif