रशीद ख़ालीदी अपने किताब The Hundred Years’ War on Palestine मे लिखते हैं “20वी सदी के शुरू मे फलस्तीन मे स्पेन से भाग कर आये यहूदी जो Sephardic कहे जाते हैं, मघ्य पूर्व, मेडिटेरेनियन तथा अल्ट्रा औरथोडोकस यहूदी culturally वहॉ उसी तरह रह रहे थे जैसे मुस्लिम और क्रिस्चन वहॉ रह रहे थे।आपस मे मेल जोल के साथ रह रहे थे।सभी लोग अरबी और तुर्की जबान बोलते थे। यहॉ तक के जो कट्टर ज़ायोनिस्ट थे जैसे David Ben-Gurion और Yitzhak Ben-Zvi भी औटोमन नागरिकता लेकर इसतांबूल जा कर पढ कर आये। यह दोनो बाद मे इसराईल के प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति बने।उस वक्त फल्सतीन मे 32 अख्बार और मैगज़ीन निकलता था”
1948 मे इस्राईल बन्ने और रूस के राष्ट्रपति स्टैलिन के मरने (1953) के बाद 1955 मे सोवियत यूनियन इराक, जोर्डन और मिस्र से दोस्ती करने लगा तो इस्राईल कॉलोनियों पावर ब्रिटेन और फ्रांस से दोस्ती कर के मिस्र के खेलाफ शडयंत्र रचने लगा।
जुलाई 1956 मे मिस्र के राषट्रपति जमाल नासीर ने स्यूज कनाल (Suez Canal) जिस को फ्रांस की इंजिनियरिंग कम्पनी ने 1869 मे बनाया था उस को nationalise कर ब्रिटेन और फ्रांस के मालिकाना हक़ को ख़त्म कर दिया। इस्राईल ने ब्रिटेन और फ्रांस के शह पर अक्टूबर 1956 मे मिस्र पर हमला कर दिया। मगर अमेरिकी राषट्रपति आईजेनआवर ने ब्रिटेन और फ्रांस को धमकी दी के मिस्र के खेलाफ न जायें और इस तरह से नासिर ने स्यूज कनाल को कब्जा कर लिया। उसी साल ब्रिटेन के प्रघानमंत्री एनथोनी ऐडेन ने त्यागपत्र दे दिया और रूस ने हंगरी को कब्जा कर लिया।
आईजेनआवर के बाद कनेडी अमेरिका के राष्ट्रपति 1961-63 तक रहे।कनेडी इस्राईली लौबी मे नही फँसे मगर उन के मारे जाने के बाद जॉनसन राष्ट्रपति बने तो अमेरिका के सत्ता और अर्थव्यवस्था मे इस्राईली लौबी कामयाब होने लगी।
1967 के अरब-इस्राईल लडाई मे अरब दुनिया बूरी तरह हारी मगर 1973 के अरब-ईस्राईल लडाई के दौरान पाकिस्तान के प्रधानमंत्री भुट्टो के कहने पर सऊदी अरब के शाह फैसल ने oil embargo लगा दिया और तेल का दाम 378 times बढ गया।मुस्लिम देश 1876 के सौ साल बाद 1973 मे फिर अपने पैर पर खडी होने लगी। यूरोप और अमेरिका की तरक्की पंद्रह साल के लिये रूक गई और मजबूरन यूरोप और अमेरिका पहली बार मुस्लिम देशो को आर्म्स (Arms) बेचने लगा।
1979 मे रूस के राष्ट्रपति बरेजनेफ पागल पन मे अफगानिस्तान चले गये। यूरोप और अमेरिका के आर्म्स से अफगानी लोगो ने लडाई लड़ी।सोवियत यूनियन 1990-92 मे सत्तर साल बाद बिखर गया। पॉच सेंट्रल ऐशिया का मुस्लिम देश आजाद हुआ और इन देशो मे तेल, गैस, यूरेनियम, कौटेन है।तीस साल मे मिडिल ईस्ट,कजाकिस्तान, उज़बेकिस्तान, आईजरबाईजान तेल के पैसा से तरक्की किया और यूरोप, अमेरिका, एशिया के लोगो को अपने यहाँ नौकरी दिया।इस तरह से फिर 1876 के सौ साल बाद मुस्लिम दुनिया बदली।