Post of 5th January 2023
प्राचीन मिस्र के फेरऔन जानते थे कि एक दूर दराज़ देश पुंट (सूडान, अफ्रिका) में किमती सामान, सोना, महँगे गहने, हाथी का दांत, लोबान, मसाले, उपलब्ध थे।मगर हैरानी की बात यह है कि पुंट जो बबून, बंदर या लंगूर का देश था उस का प्राचीन नक्शा नहीं है।
प्राचीन मिस्रवासियों ने सबसे पहले लगभग 4500 साल पहले पुंट के लिए नौकायन शुरू किया था और व्यापारिक संबंध बनाया।पुंट में, मिस्रवासी अपने अनाज, लिनन (सूती कपड़ा) और अन्य सुगंधित सामान, लकड़ी और सभी प्रकार के विदेशी उत्पादों के लिए व्यापार करते थे जो मिस्र में खोजना मुश्किल या असंभव था।आज के शोधकर्ता तथा विद्वान मिस्र-पुंट व्यापार संबंधों को अंतरराष्ट्रीय शांतिपूर्ण वाणिज्य की दुनिया की पहली उत्पत्ति के रूप में वर्णित करते हैं।
बंदर या लंगूर जानवर प्राचीन मिस्रवासियों के लिए बहुत मायने रखते थे। उन्हें मिस्र मे ज्ञान के देवता थोथ (Thoth) के अवतार के रूप में पूजा जाता था और उनकी मृत्यु के बाद उन्हें ममी बना दिया जाता था मगर यह मिस्र के मूल निवासी नहीं हैं।
शोधकर्ता यह खोज में थे कि प्राचीन मिस्रवासियों को उनके लंगूर कहाँ से मिले? यह पता लगाने के लिए, शोधकर्ताओं ने 2000 और 3500 साल के बीच के दो हमाद्री लंगूर के अवशेषों का विश्लेषण किया जो 19वीं शताब्दी में मिस्र में पाए गए थे और अब लंदन में ब्रिटिश संग्रहालय में हैं।
शोधकर्ताओं ने एक जानवर के दांतों में स्ट्रोंटियम के आइसोटोप और दूसरे के ममीफाइड फर में ऑक्सीजन आइसोटोप पर ध्यान केंद्रित किया जो मिस्र में पैदा हुए जानवरों की अपेक्षा के विपरीत थे, लेकिन उन जानवरों के समान थे जो सोमालिया के कुछ हिस्सों से आते हैं और वर्तमान इथियोपिया, जिबूती और इरिट्रिया के जानवर थे। शोधकर्ता इस निष्कर्ष पर पहुँचे कि बबून/लंगूर/बंदर पुंट से आए थे।
मिस्र में पाए गए ममीकृत बबून से प्राचीन डीएनए का विश्लेषण किया, जो लगभग 2700 साल पुराना था।सभी जानवर उस अवधि के बाद के हैं, जिसके दौरान प्राचीन मिस्र के लोग पुंट के साथ व्यापार करते थे।वास्तव में व्यापार क्यों समाप्त हुआ या पुंट का क्या हुआ यह स्पष्ट पता अभी नहीं चला है।
#नोट: नीचे तस्वीर मे बंदर के रथ पर उठा कर ले ज़ाया जा रहा है और दूसरी तस्वीर पुंट (Punt) देश की हैं।एक तसवीर मे लाल जेसपर (Red Jasper) मे लंगूर की प्रतिमा है और दूसरे मे ग्रानाईट (Granite) की दो लंगूर की मूर्ती है जो एक दूसरे का मूंह बंद किये हैं ताकि बूरा न बोलें।भारत मे गांधी जी का तीन मे एक बंदर मूहं पर हाथ रखते दिखता है।
(यह लेख New Scientist, London के 24 December 2022 के अंक मे छपा है। आर्टिकल का हेडलाइन है “The Hunt of Punt”. हम ने बहुत छोटा कर यहॉ पोस्ट किया है।)
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