Post of 5th October 2022

आज हमारे आदर्णीय विश्वप्रख्यात दार्शनिक, इतिहास वेत्ता, भाषा विद, धारा प्रवाह हिन्दी वाचक डाक्टर मोहन जी ने विजयदशमी के शुभ अवसर पर हम सब भारतीयो को सम्बोधन किया है।

मोहन जी ने अपने भाषण मे “शक्ति को सभी बातों और शांति का आधार” बताया है तथा महिलाओं को सशक्त करना जरूरी बताया है।

उन्होंने कहा हम तरक्की कर रहे हैं, हमारा वज़न बढ रहा है, आत्मनिर्भर भारत की आहट हो रही है मगर हमारी आत्मा क्या है इस की स्पष्ट जानकारी हम लोगो को होनी चाहिये।हमें उत्तर की ओर जाना है तो पहले पश्चिम फिर दक्षिण की ओर जाना होगा फिर उत्तर की ओर जाना होगा। लचीले पन को धरना हो गा। लचीलेपन के कारण प्रगति होगी।

उन्होने पिछले आठ साल की तरह अपनी सरकार की उपलब्धी की बात इस बार भी दोहराया, “राष्ट्र सुरक्षा के मामले मे सफल हो रहा है, हम लोग स्वावलंबी हो रहे हैं, हमारी अर्थव्यवस्था कोरोना के बाद पूरानी स्थिती पर आ रही है और वह आगे जाये गी इस की भविषयवाणी दुनिया के सभी अर्थशासत्री कर रहे हैं।”

“बाहर के लोग गलत विमर्श पैदा करते हैं, हम को भटकाने के लिए। यह शक्तियॉ हमारे बीच द्वेष उत्पन्न करने का प्रयास करती हैं।हमारे बीच दूरियाँ बढ़ाने का प्रयास करते हैं जिस से देश मे आतंक का वातावरण हो, कलह पैदा हो। सरकार अकेले कुछ नही कर करती है।”

आदरणीय मोहन जी ने कहा “श्रीलंका और रूस-यूक्रेन के विषयों पर भारत की बात दुनिया ने सुनी।आज दुनिया मे भारत की प्रतिष्ठा बढ गई है।पूरे विश्व के कल्याण मे जुटा है संघ”

मोहन जी ने एक सुंदर और सच बात अंग्रेजी मे कहा कि दुनिया का पूराना नेज़ाम बदल रहा है और नये लोगो को जगह मिल रहा है “The old order changeth, yielding place to new”

#नोट: मोहन जी ने पूरे भाषण मे कोई नई बात नही कही, संघ के लोग पूरे साल इसी क़िस्म की बातें कहते हैं।मगर एक नई और सच बात कही “दुनिया का नेजाम बदल गया है” जो हम आठ साल से कह रहे हैं कि बराक ओबामा के 2015 मे भारत आने के बाद पूरी दुनिय बदल गई।28 जनवरी 2015 को शाह सलमान रेयाद एयरपोर्ट पर ओबामा से मिले और अकेला छोड कर चले गये, ओबामा अमेरिका राजदूत की गाडी पर बैठ कर दूतावास गये। दुनिया उस दिन और तारीख़ से बदली।
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Some comments on the Post

Mohammed Seemab Zaman Please उर्दु नाम वाले कोई उलट-पलट या ज़ज़बाती कौमेंट नही किजये गा। यह दुर्गापूजा का संदेश हैं।यह भाषण इन के संविधान मे 1925 के स्थापना दिवस के दिन से लिखा जाता है।

  • Aquil Ahmed, Mohammed Seemab Zaman सर ,मैंने तो उनकां भाषण नही सुना ,लेकिन आपने जो प्रस्तुत किया यहाँ उसमे मोई गुजाईस ही नही उर्दू नाम वालों को कुछ उलट पलट बयानों की । बावजूद इसके कोई ऐसा कार्य करे …उसके विरुद्ध आप खुद कार्यवाई कर सकते है , facebook के नियमानुसार.

Islam Hussain 28 जनवरी 2015 की ओबामा को अकेले छोड़ने का मंजर बड़ा सिम्बोलोलिक है, उसी वक्त से अमेरिकी निज़ाम पर चोट हुई थी। जिसने वो वीडियो नहीं देखा वो ज़रूर देखें

  • Mohammed Seemab Zaman, Islam Hussain साहेब, बिल्कुल सही कहा जिस ने वह वीडियो नही देखा है ज़रूर देखे। आप को हम इस की वजह मेसिंजर मे बताते हैं, शायद आप को भी याद हो।
  • Islam Hussain, Mohammed Seemab Zaman मैंने वो देखा था और सोचता था कि यह दुनिया के निज़ाम को बदलने की शुरुआत है.

Verma Rajesh बदलाव की शुरुआत किसी निगेटिव काम से कैसे हो सकती है। अपमान करना एक निगेटिव मूल्य है।

Abdul Bari चलो शुक्र है यह बात तो मान ली कि world order बदल रहा है । हमे शान्ति स्थापित करनी है । सवाल यह अशांति फैला कौन रहा है । दूसरी बात उन्होंने की आज दुनिया मे भारत एक शक्ति के तौर पर उभर कर आया है सवाल यह है क्या इससे पहले भारत एक शक्ति के तौर पर साउथ एशिया मे नही था । जबकि हमने आजादी से आज तक 3 जंगे फ्रंट to फ्रंट लड़ी है और इस gov से पहले सेंट्रल एशिया और मिडिल ईस्ट मे चीन से ज्यादा हमारी शाख और पैठ रही। इसके अलावा इतना बढ़ा संगठन सोशल फैब्रिक्स पर क्या करता है पिछले आठ सालों मे दुनिया जान गई ।मुझे कोई नया नही मिला इस भाषण मे.. वही लिखा हुआ जो हर साल पढ़ते है।

Neeraj Singh पर वह घटना क्या थी जिसकी वजह से शाह सलमान ओबामा को एयरपोर्ट पर अकेला छोड़ कर चले गए? कभी इसका भी जिक्र हो तो पूरी तस्वीर से पर्दा हट सके।

  • Javed Hasan, Neeraj Singh शाह सलमान जब ओबामा को एयरपोर्ट पर रिसीव करने गए तो उसी वक्त अजान हो गई थी शाह सलमान अजान सुनते ही अल्लाह का बुलावा आया है कहकर ओबामा और उनकी पत्नी को वही एयरपोर्ट पर छोड़कर निकल गए.
  • Neeraj Singh, Javed Hasan ये तो एक बात है, पर इसके पीछे कोई बड़ी डिप्लोमेसी होगी, जो शायद समय के साथ खोली जाए.

Subhash Kumar इसे पता है कि विषवृक्ष के फलों में कलम लग चुकी और प्रॉडक्ट का नाम बदलने को है, इतने सालों में राष्ट्र सुरक्षा, अर्थ व्यवस्था कब खतरे में आई? मजबूरी है फ़ल बेचना बाज़ार चाहिए, जल्दी शाहजहां गति प्राप्त होनी है.

Javed Hasan अरब स्प्रिंग के दौरान शाह अब्दुल्ला ने तेल पानी की तरह बहाया था फिर भी अरब स्प्रिंग में कोई कमी नहीं आई थी साउदी, बहरीन और दुबई का अगला नंबर था अरब स्प्रिंग के नाम पर तख्तापल्ट का लेकिन ऐन वक्त पर शाह सलमान का किंग बनने पर उनके कई अहम फैसले हैंड टू हैण्ड ओबामा को एयरपोर्ट पर खड़ा करना, पुतिन को सीरिया में बुलाकर अपने आप और दुबई को सीरिया से दूर करना और साउदी में शाही खानदान से लेकर नागरिकों पर डंडा करना अरब स्प्रिंग का ब्रेक लगाया

  • Mohammed Seemab Zaman वाह, मुख़्तसर मे बहुत अच्छा कौमेंट किया, शुक्रिया। जिस तरह से शाह फैसल की ईज्जत पूरे अरब मे है। अब तवारीख मे उस से भी बडा नाम शाह सलमान का लिखा जाये गा। हम आप सब को अगले दो साल मे सौ साल बाद (WWI & II) सब कुछ बदला नज़र आये गा।

Saurabh Prasad आरएसएस एक ज़हरीला पेड़ है। इसके पत्ते, फल, शाख, जड़ सब जहरीला है।जब तक इसको समूल नहीं उखाड़ा जाएगा तब तक देश का सामाजिक राजनीतिक आर्थिक माहौल ठीक नहीं होगा। इन्होंने देश ही नहीं बल्कि विदेशों तक में जहर फैला रखा है।इसका निदान सिर्फ 2 है
1. सामाजिक आंदोलन/सुधार
2. वैचारिक राजनीति