Post of 30 September 2022

पिछले हफ्ता भारत मे कथित बूद्धिजीवी का ट्वीट तथा राष्ट्रीय अखबार ने अफवाह उडा दी के चीन के राष्ट्रपति शी जिंपिंग को हटा दिया गया और आर्मी के चीफ चीन के नये राष्ट्रपति बन गये क्योकि वह समरकंद समीट (SCO) से लौटने के बाद कही नज़र नही आये थे। दस दिन बाद वह 27 सितंबर को बेजिंग मे एक एकजिबिशन के उद्घाटन मे नज़र आये।

कल लंदन का एकोनौमिस्ट पत्रिका लिखता है कि 2012 मे उप राष्ट्रपति रहे शी जिंपिंग के बारे मे अमेरिका मे अफवाह उडा दिया गया था कि वह मार दिये गये।जब वह 15 दिन के लिए ग़ायब कर उस वक्त उन के बहुत सारे सरकारी कार्यक्रम को रद्द कर दिया गया था जिस मे उस वक्त की विदेशमंत्री हेलरी क्लिंटन की चीन यात्रा को भी स्थगित कर दिया गया था।मगर एक महीना बाद वह चीन के राष्ट्पति बन गये।कहा जाता है कि वह पंद्रह दिन चीन के कम्यूनिस्ट पार्टी के शक्तिशाली अभिजात वर्ग (powerful elite groups) ने शी का इंटरव्यू किया कि वह कैसे चीन को विश्वगुरू बनाने की। जब वह सारे संतुष्ट हो गये तो शी जिंपिंग को पार्टी अध्यक्ष, आर्मी चीफ और राष्ट्रपति बना दिया।

शी के पिता शी जोंगशून (Xi Zhongxun) ने माओ के मरने के बाद 1990s के दश्क मे चीन मे पहला “special economic zone” बनाया जो आज चीन का megacity Shenzhen है। जोंगशून 2002 मे मरे तो शी जिंपिंग को ज़ेजियॉग का पार्टी चीफ बना दिया गया और वह तरक्की करते रहे और 2013 मे चीन के राष्ट्रपति बने।

2009 मे बराक ओबामा को पता चल गया था कि शी जिंपिंग चीन के राष्ट्रपति बने गें।2011 मे बराक ने उप राष्ट्रपति बाईडेन को चीन भेजा और वह उप राष्ट्रपति शी से मिले और उन के साथ वॉलीबॉल (Volleyball) मैच भी खेला।कहॉ जा रहा है कि शी ने उसी वक्त बाईडेन को पढ लिया।

हमारे संघ के नेता नितिन गड़करी जब बीजेपी पार्टी के अध्यक्ष बने थे तो 2011 मे संघ और पार्टी के बडे नेताओं की टोली को लेकर चीन का तुष्टिकरण करने बेजिंग गये थे और आज बीजेपी सरकार $100 billion का सामान चीन से आयात कर रहा है।

कहा जा रहा है कि 16 अक्टूबर को शी जिंपिंग तीसरी बार राष्ट्रपति बने गें और देश तथा अंतर्राष्ट्रीय जगत के महत्वपूर्ण नेता के रूप मे उभरें गें और दुनिया मे बहुत बडा बदलाव आये गा और हम लोग महसूस करे गें और कहें गें “changes not seen in 100 years”
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Some comments on the Post
Mohammed Seemab Zaman चीन और तुर्की ने दुनिया मे बाईडेन-ब्लिंकन की maximum pressure policy और negotiation technique को फेल कर दिया।अब यूरोप और अमेरिका को अपने राजनीति को बदलना हो गा वरना बरबादी बहुत बडी है। The Economist, London ने अपने अक्टूबर इशू मे शी जिंपिंग पर तीन बडा बडा लेख लिखा है। और एक लेख के आखिर मे लिखा है कि Xi said China is experiencing “changes not seen in 100 years” at home and globally.

एम एम हयात भारतीय बुद्धिजीवियों का क्या उनके पास एनालिसिस के नाम पर पश्चिमी मीडिया के ब्लॉग है और कुछ नही. उसी को कॉपी पेस्ट करते हैं कहीं खुदा ना खास्ता अगर शी जिनपिंग हट जाता तो भारतीय मीडिया तो यह भी कह देती कि मोदी जी ने शी जिनपिंग से हाथ नही मिलाया था समरकंद में तभी मोदी जी ने तय कर लिया था कि शी जिनपिंग को चीन का राष्ट्रपति नहीं रहने देना है

  • Mohammed Seemab Zaman मालूम है ने सुबह मे किस बूद्धिजिवी ने ट्वीट किया था? फिर दो घंटा के बाद दूसरा ट्वीट किया के इस को पता लगाया जाये की यह खबर सही है या नही। अंग्रजी अखबार, सब मे article छप गया था।

Sirajuddin Zainul Khan सुपारी गैंग तुष्टिकरण करते करते जमीन भी दे दिया और लाल लाल आंख भी नही दिखाया।आपने कहा था 24 तक बाध कर रखिए सबको इनका विकास नजर आ जायेगा अभी तो दो साल बाकी है सब का छीछालेदर हो जाएगा और विकास अपना प्रचंड रूप धारण कर लेगा

  • Mohammed Seemab Zaman 2024 तक कुर्सी मे बांध कर रखना है। सब का दिमाग़ ठेकाने लग जाये गा।

Verma Rajesh समृद्धि आ जाने के बाद कम्युनिज्म इर्रेलेवेंट पद्धति हो जाती है। सर्वहारा की तानाशाही व्यक्ति की तानाशाही में बदल जाती है। इसीलिए सनयात्सेन ने च्यांगकाईशेक को माओत्से तुंग के विरुद्ध गृहयुद्ध में झोंक दिया। ताइवान का स्टैंडर्ड आफ लिविंग चीन से भी बेह्तर है और सभ्य है।

Parmod Pahwa, Mohammed Seemab Zaman सर ये मूर्खों की गोबर पट्टी है, हमने उसी वक्त पोस्ट कर दिया था कि ये दुनियाँ को मूर्ख समझ रहे है. जय बाबू ने अमेरिका को कुछ कड़वा बोल दिया था फिर अपने बेटे की मार्फ़त माजरत करते रहे. उधर चीन वाले कांड पर रशिया टीवी ने सख़्त रद्देअमल दिया है और इंडीयन मीडिया को फ़ेक बोला है. वैसे रुस और चीन दोनो ने अपने नक़्शे बड़े कर लिए है

  • Mohammed Seemab Zaman, Parmod Pahwa साहेब, यह हम नही जानते थे कि “चीन वाले कांड पर रशिया टीवी ने सख़्त रद्देअमल दिया है” यह तो शर्म का बात है 130 करोड वाली आबादी के मीडिया को फेक कह दिया। यह लोग भारत को पूरी दुनिया मे अकेला कर दें गें।आज तो रूस ने अपना नक्शा बडा कर दिया। देखये चीन कब करता है।

Javed Hasan चुनाव के वजह कर ही शी खामोश है शी तीसरी बार राष्ट्रपति बने तो (जो लगभग निश्चित है) बहुत एग्रेसिव रूप लेगा.

Faisal Khan ‘आज भारत के लोग गरीबी, भुखमरी, बेरोजगारी और महंगाई का सामना कर रहे हैं’ : नितिन गडकरी, नितिन गडकरी साहब के इस बयान के क्या मायने निकाले जाएं?

  • Mohammed Seemab Zaman पूछये नितिन गड़करी से चीन संघ और बीजेपी के लोगो के लेकर 2011 मे गये थे, वहॉ उन को चीन की तरक्की नजर नही आया था? दस साल से यह मंत्री हैं, इन को बरबादी नजर नही आई थी। हम ने खास कर इस मे नितिन गटकरी का नाम दिया है ताकि लोग को पता चले यह भी चीन का तुष्टिकरण करने वाले लोगो मे थे।