Post of 20 September 2022

زمستانی ہوا میں گرچہ تھی شمشیر کی تیزی
نہ چھوٹے مجھ سے لندن میں بھی آداب سحر خیزی

कल सुबह दुनिया के मशहूर अंतरराष्ट्रीय चैनल्स BBC, CNN, Sky, Al Jazeera वहैरह सभों ने लगातार 8-10 घंटा यूके की महारानी एलिज़ाबेथ के अंत्येष्टि का live broadcast किया।दुनिया ने देखा और शाम सात बजे उन के क़रीबी रिशतेदारों ने बेग़ैर मिडिया कवरेज के उन को कब़र मे डालने की रसम अदा किया।

एलिजाबेथ 20वी सदी की एक वाहिद शख़्सियत थीं जिन्होने तक़रीबन पूरी सदी देखी।ब्रिटेन का ऊरूज देखा, ज़वाल देखा और इस 21वीं सदी की बदलती दुनिया भी देखी।

कल दुनिया के सभी मूल्को के राष्ट्राध्यक्ष या प्रतिनिधि एलिजाबेथ के जनाज़ा मे मौजूद थे और पूरा समारोह (ceremony) बहुत शांदार हुआ।कही पर कोई गलती नही हुई।सूना कल के फंगशन के हर चीज़ का full dress rehearsal रात 4 बजे से सुबह 6 बजे तक लंदन मे किया गया था।

कल का फंगशन बहुत खूबसूरत और दिल और जज़्बात को हिला देने वाला तक़रीब था।ब्रिटेन की आर्मी, पुलिस, इंटेलिजेंस, सरकारी अमला सब ने साथ मिल कर अपने काम का शांदार मोज़ाहरा किया।इस तक़रीब का Code-name “Operation London Bridge” था।

कल की तक़रीब देख कर लगा Hollywood के producer, director, choreographer कुछ नही हैं वह सब zero हैं।दुनिया की तारीख़ मे यह दस दिन का और खास कर कल का फंगशन एक शांदार और यादगार तक़रीब रहे गी।

आखिर मे इस को इक़बाल के लंदन पर कहे शेर पर ख़त्म करते हैं, जिस मे अंग्रेजों की तहज़ीब व तमद्दुन (ज़मस्तानी हवा) की बात कही मगर वहॉ रह कर भी इक़बाल ने खुद के सेहर खेज़ी के आदाब नही छोड़ी और लंदन मे भी वह “ज़िक्र” से ग़ाफिल न रहे।

“ज़मस्तानी हवा मे गरचेह थी शमशेर की तेज़ी
न छूटे मुझ से लंदन मे भी आदाबे सेहर खेज़ी”

यह एलिजाबेथ की आखरी तस्वीर public मे आई थी जब लिज़ ट्रस उन से मिलने गईं थी। उस के 48 घंटे बाद उन की मौत की खबर हम लोगों ने सूना।