Post of 8 Nov. 2024
A senior EU official said after Trump’s election victory “Welcome to the brave new world. It is very, very bad for everyone, not just in Europe but in Asia, Africa, the Middle East and South America. Nobody is a winner, except, perhaps, Putin.”
यूरोपियन यूनियन (EU) के एक अधिकारी ने “अमेरिका फ़र्स्ट” के चुनाव जितने पर कहा, यह सभी के लिए बहुत-बहुत बुरा है, यह न केवल यूरोप के लिए बुरा है, बलकेह एशिया, अफ्रीका, मिडिल ईस्ट और दक्षिण अमेरिका के लिए बुरा है। कोई भी विजेता नहीं है, सिवाय, शायद पुटिन के।”
मेरा कहना है कि “America First 2.0” कार्यकाल केवल पश्चिमी देशों, ख़ास कर यूरोप के लिए बुरा है, और दुनिया के लिए “New World” है, क्योंकि “अमेरिका फ़र्स्ट” ने दुनिया बदल दिया। दक्षिण अमेरिका में ब्राज़ील और एशिया में मिडिल ईस्ट, सेंट्रल एशिया, इंडोनेशिया और अफ़्रीका मे मिस्र, अल्जीरिया, साउथ अफ़्रीका “Middle Powers” बन कर उभरे गें।
हम लोग ख़ुशक़िस्मत हैं जो 1876 के 150 साल बाद बदली दुनिया देख रहे हैं जिस का बीज बोया 1973 के अरब-इसराइल जंग से तेल-गैस का एक हथियार पैदा होना; 1979 में राष्ट्रपति बरेज़नेव द्वारा अफ़ग़ानिस्तान पर क़ब्ज़ा; प्रधानमंत्री इमरान खॉ का 2022 का फ़ॉल ऑफ काबूल। यह तीन महत्वपूर्ण वर्ष, दुनिया बदलने में सफल हुआ।
मेरा भी यही कहना है कि ट्रम्प के आने से विजयी पुटिन और शी जिनपिंग हैं, अब यह दोनों बहुत आसानी से ट्रम्प २.० को नचायें गें। दुनिया अब बग़ैर चीन के नहीं रह सकती है।
ट्रम्प के यूरोप, रूस-चीन के सामान पर 10-80% टैरिफ़ (tariffs) लगाने से अमेरिका को घाटा होगा क्योंकि रूस और चीन की आबादी लगभग 1.7 billion है और यूरोप की आबादी लगभग 0.7 billion है जो अमेरिका से बहुत ज़्यादा है। यह लोग अपना सामान खुद खप्त कर ले गें और अफ़्रीका, मिडिल ईस्ट, सेंट्रल एशिया में निर्यात कर विकास करे गें।
अब रूस-चीन या मुस्लिम देशों को अमेरिका की ज़रूरत नहीं है बलकेह अमेरिका को इन मुल्कों की ज़रूरत है।अब कोई ट्रम्प की धमकी से डरने वाला नहीं है क्योंकि सब लोग इन का 2017-20 का कार्यकाल देख चूका है।ट्रम्प को चार साल लगा तालेबान से समझौता करने मे। अब ट्रम्प से अगले चार साल मे यूक्रेन तथा इसराइल से समझौता नामुमकिन है क्योंकि बेग़ैर रूस-ईरान-चीन को साथ लिए यह समझौता हो ही नहीं सकता है।
#Note: जिस तरह से संघ की सरकार पिछले दस साल मे “Hindu First” के चक्कर में भारत को “विश्व गुरू” नहीं बना सकी, उसी तरह से ट्रम्प अगले चार साल मे “अमेरिका फ़र्स्ट” के नारा से “America Great Again” नहीं बना पाये गें।
معجزہ اہلِ فکر، فلسفۂ پیچ پیچ
معجزہ اہلِ ذکر، موسیٰ و فرعون و طور
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Some comments on the Post
Mohammed Seemab Zaman: Khursheeid Ahmad صاحب جب آپ شعر کی باریکی میں گۓ تو میرا فرض بنتا ہے کی والد صاحب نے جو اس شعر کا تشریح کیا ہے وہ آپ کے نظر کریںّ
والد صاحب لکھتے ہیں،
“ اہل ذکر سے مراد وہ لوگ ہیں جو عشق ہی کو اپنا رہنما بناتے ہیں، جن کے معجزے کبھی طور پر خدا سے ۂمکلامی کے شکل میں رونما ہوتے ہیں (دیکھیں سورہ الاعراف ۷آیت ۱۴۴، سورہ النساۂ ۴۔ آیت ۱۶۴اور سورہ القصص ۲۸۔رکوع ۴) اور کبھی فرعون کے جادوگروں کو مات کرنے کی
Mohammed Seemab Zaman: *Trump 2.0 यूरोप के लिए बहुत ख़राब हो गा, ख़ास कर जर्मनी, फ़्रांस, यूके के लिए। ट्रम्प ने 10-20% यूरोपियन सामान पर टैक्स (tariffs) लगा दिया तो यूरोप की अर्थव्यवस्था जो कोरोना और यूक्रेन-रूस मार-काट से बर्बाद हुई है वह तबाह हो जाये गा।
*अगर ट्रम्प ने चीन के सामान पर 20-80% टैक्स लगा दिया तो अमेरिका की अर्थव्यवस्था तबाह हो जाये गा क्योंकि चीन यह सामान एशिया और अफ़्रीका मे सस्ते दाम पर बेच कर दुनिया की अर्थव्यवस्था को तबाह कर देगा।
Faiz Syed: Mohammed Seemab Zaman शानदार एनालिसिस.
Abdul Bari: Trump के आने के बाद सबसे ज्यादा shock मे यूरोप है क्योंकि वह trump का पिछला कार्यकाल देख चुके है जिसमें उन्होंने सीधे कहा था NATO को तुमको जरूरत है हमे नहीं इसलिए इसके खर्चे यूरोप को उठाना चाहिए न कि अमेरिका को जबकि लड़ाई इस बार यूरोप में हो रही है इनकी अर्थव्यवस्था वैसे भी इस जंग की बलि चढ़ चुकी है ।
बाइडेन ने जाते जाते इन्हें दहेज में दो HOT WAR सजा के दे जा रहे है देखना यह होगा TRUMP कैसे इस दोनो जंगो को डील करते है । यह याद रखे यह 2020 का दौर नहीं है ।
- Kamil Khan: वक़्त बदल चुका है अमेरिका को इजराइल का हित छोड़ कर अपना हित देखना चाहिए, वरना USA के टुकड़े हो जायेंगे, सुपर पावर तो दूर की बात है, ज़माना बदल चुका है अब मुस्लिम देशों और चीन को रोका नहीं जा सकता.
Tur Khan: पिछली बार गिरती इकॉनमी और मरते फौजियों को आधार बनाकर ट्रम्प ने विदेशों में पड़ी फौजों की वापसी का आगाज़ किया था इस बार फौजी पहले से ज्यादा मर रहे हैं और इकॉनमी की तो वाट लगी पड़ी है। देखते हैं ट्रम्प जंगों को किस तरह डील करते हैं अगर टैक्स बढ़ाया तो जंगें लम्बी खींचने का प्लान हो सकता है अगर जंगें बंद करके इकॉनमी को सम्भालने की कोशिश की तो शायद दुनिया जल्द स्थिर हो जाए।
- Kamil Khan: Tur Khan सवाल ये है अमेरिका जंग क्यों बढ़ायेगा, सुपर पावर का घमंड अगर दिखायेगा, तो वेनेज्युला बनने में समय नहीं लगेगा, दुनिया ने अमेरिका की बकैती को चैलेंज किया है कोई अमेरिका पे हमला तो किया नहीं है जो अमेरिका अपना सब कुछ दांव पे लगा दे, यूरोप पीछे दब रहा है, अरब साथ नहीं दे रहे हैं, अब ऐसे मे अकेला अमेरिका किस किस से पंगे लेता रहेगा.
Iftekhar Anjum: Very thoughtful observations and true.
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