FB Post of 27 October 2023
FIFA World Cup 2022 उस देश के सुरक्षाकर्मी के लिए एक चुनौती थी।लोगों को याद होगा पिछले साल उस के आयोजन के समय इसराइल ने कहा था कि ईरान खेल को sabotage करें गा। जब केह दुनिया जानती थी कि ईरान भी उस खेल में भाग ले रहा था मगर साज़िशी लोग खेल को sabotage करने पर लगे थे।
यह सब को मालूम है कि 2022 फ़ीफ़ा आयोजक देश ने दुनिया के हर महत्वपूर्ण देश से सुरक्षा के लिए मद्द लिया था।यहॉ के भी विशिष्ट और वरिष्ठ अधिकारीयों ने वहाँ के लोगों को प्रशिक्षण दिया। उस में से एक वरिष्ठ अधिकारी को प्रवासी भारतीय सम्मान भी 2019 में दिया गया था जो भारत के प्रवासी लोगों का सर्वोच्च सम्मान है जैसे फ़िल्मी दुनिया में दादा साहेब फाल्के अवार्ड है।
पिछले वर्ष जिस मूल्क में 2022 फ़ीफ़ा खेल हुआ वह दुनिया का सब से बड़ा LNG निर्यातक देश है और भारत दुनिया का चौथा एलएनजी आयातक देश है। भारत अभी दीर्घकालिक एलएनजी अनुबंध को सुरक्षित करने के लिए उस देश से 40% आयात की बातचीत कर रहा है।दोनों देशों के बीच $17.2 billion का व्यापार होता है।
कुछ दिन पहले नूपुर शर्मा की बदतमीज़ी पर इसी देश ने भारत को माफ़ी मांगने को कहा था मगर हम लोगों ने माफ़ी नहीं मांगी।हाल में संसद में रमेश बिधूडी का मुस्लिम सासंद को #कटुवा_आतंकी नये संसद भवन में कह कर नया इतिहास रचा गया था।कर्नाटक के तेजस्वी सूर्या भी लोगों को याद होगा और सासंद अतीक़ और उस के भाई का खुले आम कत्ल कर न्यायपालिका का मज़ाक़ उड़ाते पूरी दुनिया ने देखा और संज्ञान लिया।
हम लोग पिछले दस साल में एक Ageing Superpower अमेरिका और उस के प्रॉक्सी इसराइल के चक्कर में पड़ कर देश का इतिहास और भूगोल भूल गये थे जिस का नतीजा है कि यह चौंकाने वाला फ़ैसला हमारे कर्मठ और वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ आया है।
#नोट: चिंता न करें, यह सभी भारतीय प्रवासी भारत ज़िंदा वापिस आयें गें क्योकि वहाँ के अमीर उन को अंततोगत्वा माफ़ी दे देंगे।
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Some comments on the Post
Mohammed Seemab Zaman यह तो होना था, जिस तरह से इस्लामोभोबिया को बढ़ावा दिया जा रहा था, उस को रोकने का यह judgment एक सियासत है। सब्र किये भविष्य का भारत बहुत सुंदर हो गा।
Ambuj Gupta Bhartiya भारत जिस रास्ते पर चल रहा है उसको आग का रास्ता कह सकते हैं। सभी से दुश्मनी और दूर देशों में दोस्ती, कहीं से अच्छे संकेत नहीं देती। दुनिया में आपकी हैसियत आपके लोगों के जीवन स्तर से भी है। अगर आधी जनता भूखी है और आप अय्याशी कर रहे, आपको बेवक़ूफ़ कहा जाएगा। हमको संभल जाना चाहिए अभी वक़्त है। क़तर हमारे लोगों को आसानी से वापस नहीं आने देगा। आरोप संगीन हैं और सजा भारत को दी जा रही है उन नौसैनिकों को नहीं। मुस्लिम विरोधी सरकार चलाकर आप रहम की अपील न ही करें तो अच्छा है।
- Mohammed Seemab Zaman, Ambuj Gupta Bhartiya साहेब बहुत से लोग यह सोंचते और कुछ लोग तो मेरे ख़िलाफ़ लिखते हैं कि हम केवल अंतरराष्ट्रीय खबर पोस्ट करते है, जिस से हम भारतीयों को क्या मतलब।उन लोगों को पता नहीं है कि दुनिया globalisation के दौर में आ चुकी है और domestic politics-international politics एक दूसरे पर directly proportional है। भारत में हमारे सौ साल की सोंच को यह समझ में नहीं आया कि दुनिया बदल गई है। वह लोग वही पुरानी सियासत पर चल कर विश्वगुरु का सपना दिखा रहे है।आज अमेरिका के पास सब कुछ है मगर international politics में मार खा गया और बर्बादी शुरू हो गई।
Zeenat Khan मौत की सज़ा को उम्र क़ैद में बदल दें लेकिन माफ़ी ना दें वरना यहाँ यही बात, मोदी है तो मुमकिन है से जोड़ दी जाएगी और इससे इस्लामोफोबीया काउंटर नहीं हो पायेगा.
मोहम्मद जावेद Sir aap ki post pad ke bada sukoon hota h ki Sayad age ane vala vakt achcha ho
- Mohammed Seemab Zaman, मोहम्मद जावेद साहेब, देख रहे हैं न कैसे वक्त बदल रहा है। यही बात हम सात साल से लिख रहे थे और 2019 में कहा था, please once more.
Kamal Siddiqui आरजेडी के मनोज झा कुछ और ही बता रहे हैं।8 पूर्व नेवी ऑफिसर की सजा पर बोले मनोज झा- मामला ‘गौतमी’ तोते का होता तो सरकार बहादुर कुछ करती.
Kamil Khan जितना हमें पता है अपराध पूरी तरह सिद्ध हो गए हैं, अभी कुछ दिन पहले नेवि अफसरों के घर वाले क़तर गए थे जिन्हे क़तर सरकार मानवीय आधार पर हर तरह की मदद दी मगर अपराधियों के लिए किसी तरह की छूट देने से साफ़ मना कर दिया, अब ये अफ़सर तब ही घर वापसी करेंगे जब क़तर सरकार का कोई बहुत बड़ा हित इस मे दिखेगा, तब तक तो अफसरों और उनके परिवार वालों की साँसे अटकी रहेंगी.
Maqsood Ali अगर कोई possibility है तो माफ़ी के फैसले का सही रुख 2024 इलेक्शन रिजल्ट के बाद ही तय हो पाएगा, ऐसा intuition है
- Mohammed Seemab Zaman इस के फ़ैसला की timing देखिये। अभी लोग इसराइल, इसराइल चिल्ला रहा है और इसी बीच यह फैसला आया। मेरे ख़्याल से यह लम्बा चले गा और इलेक्शन के बाद तक यह केस चले गा।
Jitendra Singh जून में छोड़ने बोलिएगा। अभी छोड़ेगा तो ये लोग को हर जगह दिखा के और घुमा के लोकसभा चुनावों में वोट मांग लेगा। जान बचाने का क्रेडिट खुद को दे देगा।
- Mohammed Seemab Zaman यह लम्बा चले गा। अभी तो lower court का फैसला है। दो साल लगे गा जबतक सब लोग भूल जाये गा। कुलभूषण यादव को लोग भूल गया.
- Jitendra Singh कुछ ऐसा जुगाड लगाइए कि विपक्षी दल इनकी रिहाई के लिए सरकार के खिलाफ फरवरी में उतर जाएं, इनकी फर्जी राष्ट्रवाद की धज्जियां उड़ जाए। डोभाल ने ही आठ आदमी दहरा कंपनी में भेजे थे। नही तो दुनिया की कोई नेवी अपनी हाई टेक सर्विस वालों को ऐसे नही काम करने देगी। डोभाल ने ही फंसवा दिया है।