Post of 2nd August 2021
हम लोग 130 करोड के लोकतंत्रवादी देश हैं, मगर ओलम्पिक मे इगारहवें दिन तक एक भी स्वर्ण पदक नही आया।हॉकी के पुरूष और महिला के सेमी फ़ाइनल मे पहुँच गये तो सब नेता कामयाबी की तिलक अपने सर लगा रहे हैं। हॉकी तो राष्ट्रीय खेल है अगर दो स्वर्ण पदक आ भी गया तो क्या कमाल है।
#पोरटो रिको (Puerto Rico) जो पिछले साल तूफ़ान से तबाह हो गया था वह आज एक “स्वर्ण पदक” ले गया। कोसोवो (Kosovo) जिस की आबादी 18 लाख पटना शहर के बराबर है, जो नया देश बना है वह दो (2) स्वर्ण पदक ले गया। कतर जिस की आबादी 30 लाख है वह स्वर्ण पदक ले गया।
#न्यूज़ीलैंड जिस की आबादी मुम्बई की एक चौथाई 50 लाख है वह 4 स्वर्ण के साथ 11 पदक ले गया।स्विट्ज़रलैंड जो यूरोप का छोटा सा देश है 3 स्वर्ण पदक के साथ 12 पदक ले गया।
#हम लोग आज तक Horse jumping या dressing ओलम्पिक मे पदक नही लाये जब की हम लोग गर्व से कहते हैं कि महाराणा प्रताप की घोड़ी चेतक की अम्माँ गुजराती थीं जो हल्दीघाटी मे चमत्कार किया। इंगलैंड आज स्वर्ण और चॉदी का पदक ले गया।
#जय श्री राम नही बोलने पर उप्र मे लिंचिग हो जाता है मगर राम जी का प्रतीक तीर-धनुष मे एक भी पदक भारत को नही मिला। साऊथ कोरिया चार (4) और तुर्की एक (1) “स्वर्ण पदक” ले गया। 70 साल से हम लोग मिस्र के पुरानी सभ्यता के तरह शाखा मे गॉव से शहर तक लाठी ही भॉचते रह गये।
#बाबर बनारस गया तो गंगा मय्या को तैर कर पार किया मगर हम लोग को आज तक तैराकी मे एक कॉसा का पदक तक नही मिला। दुनिया मे सब से ज्यादा नदी मेरे यहॉ उत्तर भारत मे हैं, गंगा, गंगोत्री, ब्रह्मपुत्रा है मगर एक तैराक नही है, जो पदक लाये।केवल नफरत फैला कर गर्व की बात करने से 130 करोड का देश महान नही होता है। देखिये चीन को 62 पदक लाकर पदक तालिका मे सब से ऊपर है और हम दो पदक लाकर गर्व कर रहे हैं।