Post of 20th July 2022

कल तुर्किया के राष्ट्रपति अरदोगान और रूस के पुटिन “सिरिया के बहाने” आसताना समीट के लिए तेहरान मे थे। दोनो एक दूसरे से मिल कर बहुत खुश नज़र आ रहे थे और आपस मे दोनो ने अलग बैठक भी किया।

अरदोगान को पुटिन से सिरिया, लिबिया, आरमेनिया तथा यूक्रेन मामला मे बहुत मतभेद है मगर दोनो नेता मतभेद के बावजूद अंतरराष्ट्रीय पटल पर एक बहुत शांदार जिओपौलिटिक्स की राजनीति करते हैं।पुटिन ने कल त्रिपक्षीय मिटिंग के प्रेस कॉनफ्रेंस मे अरदोगान का कई बार नाम लिया और यूक्रेन लडाई मे मध्यस्थता करने पर तारीफ़ किया।पुटिन ने कैस्पियन सागर से होते हुऐ रेलवे लाईन बिछा कर सेन्ट्रल एशिया-तुर्कीया को जोड़ने की बात किया।

अरदोगान और पुटिन दोनो नेता ईरान के सुप्रीम नेता अयातुल्लाह खमेनाई से भी मिले।खमेनाई ने रूस के साथ भविष्य मे “लम्बी दोस्ती” की ख़्वाहिश ज़ाहिर किया।खमेनाई ने उत्तर सिरिया मे तुर्किया को फौजी मोदाखलत कर आतंकवादी को ख़त्म करने को मना किया और बात चीत कर सिरिया मे शांति स्थापित करने की बात कहा।

मेरे जानकारी के मोताबिक सिरिया मे 2020 से शांति है और सिरिया के राष्ट्रपति बशार को मिडिल ईस्ट और तुर्किया अब हटाना नही चाहता है मगर अरदोगान कुर्द आतंकवादी का मुद्दा बना कर ईरान/अमेरिका को आतंकवाद को बढावा तथा स्पोर्ट के लिए हमेशा ज़िम्मेदार बताते रहते हैं।अरदोगान ने कल तेहरान मे फिर कहा तुर्किया के सुरक्षा के लिए वह सिरिया से अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद को ख़त्म करने के लिए बाध्य हैं।

कल ईरान के राष्ट्रपति रईसी ने तुर्किया के साथ “strategic, economic, security partnership” पर हस्ताक्षर किया।ईरान ने गैस पाईप लाईन से 25 साल तक तुर्किया को गैस देने के अनुबंध पर भी हस्ताक्षर किया और भविष्य मे $25 billion के व्यापार की बात किया।कल टीवी पर रईसी को पहली बार हँसते और मुस्कुराते देखा।

पुटिन 2015 के बाद चौथी बार कल तेहरान मे थे।इस त्रिपक्षीय मिटिंग ने पुटिन को यूक्रेन लडाई के बाद एक नई पहचान दिया।अरदोगान तो शाह सलमान के बाद ग्रेटर मिडिल ईस्ट के एक महत्वपूर्ण नेता है हीं मगर रईसी को अपनी पहचान बनाने का अच्छा मौका मिला है, देखते हैं रईसी इस का कितना फायदा उठाते है (?).

The Tehran Times ने कल की मिटिंग को “New World Order” का हेडलाईन और नाम दिया है।
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Some comments on the Post

Hasan Rajput परमाणु रिएक्टर पर भी कुछ चर्चा हुई सर!

  • Mohammed Seemab Zamanईरान के पास अमेरिकी प्रमाणु बम तो है ही। रूस का Atomic reactor तो ईरान मे बिजली पैदा कर ही रहा है। हम तीन साल से कह रहे हैं ईरान को टेस्ट कर लेना चाहिये, कोई कुछ नही करे गा। मगर ईरान के नेता लोग ईरान के लोगो को तबाह रखना चाहते हैं और हकूमत पर क़ाबिज़.
  • Salim Khan, Mohammed Seemab Zaman सर ईरान शायद अपने जरनल सुलेमानी की ड्रोन हमले की मौत से अब तक खौफजदा है.
  • Arif Kamal, Mohammed Seemab Zaman sirअमरीकी परमाणु रिएक्टर तो है।पर अमरीकी परमाणु बम है ये नही समझ आता।एटॉमिक रिएक्टर्स तो जापान के पास बहुत थे और अभी भी हैं।एटॉमिक रिएक्टर्स के होने और एटॉमिक बम के होने में तो फर्क है ना?एक बात और सर्हुकूमत पर कब्जे को तो एटॉमिक टेस्ट मज़बूत करेगा कमज़ोर कैसे करेगा?हो सकता है ईरान चाहता हो कि पहले 20,25 एटम बम बना के रख ले तब टेस्ट करे?वैसे भी चीन रूस कोरिया पाकिस्तान साथ हो तो टेस्ट किया ना किया क्या फर्क पड़ता है?दूसरा वजह ये हो सकती है कि बेहतर मिसाइल पहले बना ली जाए जो सही निशाना लगा पाए।उससे पहले शांत बैठा जाए।बहुत सी संभावनाएं मालूम देती हैं
  • Mohammed Seemab Zaman, Arif Kamal साहेब, जापान जिस दिन चाहे गा उस दिन बम बना लेगा। उस का constitution इस की ऐजाजत नही देता है क्योकि उसके सुरक्षा की गारेंटी अमेरिका की है। अभी देखये वह constitution बदल कर Nuclear Submarine बनाये गा क्योकि अमेरिका ने उस को AUKUS मे नही रखा।हम बहुत बार लिख चूके हैं बुश ने 9/11 के बाद ईरान को 23 जनवरी 2002 को न्यूकिल्यर प्लांट की इजाजत दिया तब ही न बाईडेन ख़ाली हाथ वापस रेयाद से गये। 4,000 centrifugal machines आसमान से मनसलवा आया ईरान को।
  • Arif Kamal, Mohammed Seemab Zaman sirआपकी आखिरी लाइन पर हसी आ रही है बहुत।नाम बहुत छांट के लाए हैं आप मन्न सलवा।😂😂😂😂😂 वैसे सर् गुस्ताखी की माफी।आप भी कहेंगे बहुत सवाल करता है ये आदमी।पर एक बात समझ नही आती ।ईरान के तालुकात अमेरिका से 1979 से ही खराब थे।ऊपर से 9/11 हो गया।ऐसे में अमेरिका क्यो दिया एक और रिएक्टर बना के अपने दुश्मन को?
  • Mohammed Seemab Zaman, Arif Kamal साहेब, 9/11 के बाद दिया ताकि मिडिल ईस्ट मे तमाशा बना रहे और फिर ईरान से एजाज़त ले कर 2003,मे टौनी ब्लेयर के साथ कूद गया इराक़ मे सद्दाम के खेलाफ। ईरान तो सद्दाम के खेलाफ खूंदक़ लिए बैठा था क्योकि वहॉ Iranian revolution नही हो पाया। फिर आये ओबामा यह अरब स्प्रिंग कर पूरा अरब बरबाद करने लगे, मगर सिरिया मे फंस गये।आज सूना नही इराकी पूर्व प्रधानमंत्री मालिकी मे मूक़्तदा सदर को murderer कह दिया। वहॉ भी इरान अमेरिका कामयाब नही हो रहा है.

Ayesha Siddiqua एर्दोआन और पुतिन का साथ आना new world order की तरफ इशारा करता है और बिडेन का पिछला सऊदी अरब का दौरा कही न कही इस New World Order को anticipate करके ही रहा होगा.

Arvind Srivastva हमारा वाला क्या कर रहा है।

  • Mohammed Seemab Zaman देख लिजये सब नेता अपने देश के लिए, गैस/तेल का long term बंदोबस्त कर रहे हैं। इटली के प्रधानमंत्री दो दिन पहले अलजेरिया मे गैस के लिए थे, वॉन डेर लियन आइज़रबाईजान मे थीं, तुर्की के अरदोगान ईरान मे। पुटिन $15 billion ईरान के गैस और तेल field में निवेश करें गें ताकि ईरान अपने $40 billion का गैस निकाल सके। टर्कमनिस्तान का गैस पुटिन तुर्किया को बेचें गें।अपने वाले चार कुल्हाड़ी विपक्ष को मारते हैं और दो कुल्हाड़ी अपने पैर पर मार लेते हैं। देखा नही अग्निपथ और लूलू मे अपने पैर पर दो कुल्हाड़ी मार लिया।
  • Azaz Siddiqui, Mohammed Seemab Zaman “चार कुल्हाड़ी विपक्ष को मरते है और दो कुल्हाड़ी अपने पैर पर” बहुत जबरदस्त और सटीक टिप्पणी sir.

Deepak Sharma नमस्कार Sir, हमेशा की तरह बेहतरीन।मेरी अंतरराष्ट्रीय सोच को सिर्फ और सिर्फ आप की बदौलत नया आयाम मिला है। मैं हर रोज आपकी पोस्ट पढ़ता हूं, रात को लगभग इस समय आपकी वाल पर जाता हूं और अपने ज्ञान में वृद्धि करता हूं। Love you Sir & always Proud of you. विष्णु भगवान ने चाहा तो 1 दिन आपसे जरूर मिलूंगा।

  • Mohammed Seemab Zaman नमस्कार. पहले कहॉ मौक़ा मिला लिखने का, कौन छापता हम लोगो का, न उर्दु वाले छापते थे और न ही हिन्दी अखबार वाले छापते थे, सब अपनी monopoly मे दूसरे को घुसने नही देते थे। FB ने तो लिखने का मौक़ा दिया।आज के दुनिया मे गृहनीति और अंतरराष्ट्रीय नीति दोनो एक दूसरे पर गहरा असर डालती है। यही कारण है हम अंतरराष्ट्रीय सोच लोगो का बदल रहे हैं जो भारत मे “मेढक की सोंच” थी। देखा नही BBC हिन्दी ने खमेनाई के बात को कैसे गलत तरीक़े से हेडलाईन देकर तुर्किया के खेलाफ opinion बना रहा था। वही देख तब यह पोस्ट लिखा।मेरा पढिये और उसी को बेस बना कर फिर आगे जानकारी रखिये। हम बहुत कम लिखते हैं क्योकि बहुत से लोगो को समझ मे नही आता है।
  • Deepak Sharma, Mohammed Seemab Zaman शुक्रिया Sir.

Yuvraj Goyal सर अर्दोगन साहब ने पुतिन साहब को लगभग 1 मिनट इंतज़ार कराया है उसका बड़ा जिक्र है आज की मीडिया में उस पर कुछ रोशनी डालना चाहेंगे।

  • Mohammed Seemab Zaman यह सब होता है। अरदोगान अपने कमरा मे खा रहे थे देखा नही वापस आये तो मूँह चला रहे थे, पुटिन भी मूँह चला रहे थे। प्रेस मौजूद था इस वजह कर विडिव बन गया। ऐसे दुनिया के राष्ट्राध्यक्ष मे पुटिन मशहूर हैं लोगो को इंतज़ार कराने मे।

Saurabh Prasad नाटो से लड़ने के लिए पुतिन अपना कोई अंतरराष्ट्रीय सैन्य संगठन क्यों नहीं तैयार कर रहे हैं? हो सकता है पुतिन के बाद कोई पपेट रूस का राष्ट्रपति बने जैसे गोर्बाचेव था और नाटो के सामने दोबारा सरेंडर कर दे 1991 के तरह।

  • Mohammed Seemab Zaman आप गोर्बाचोव को पपेट कहते हैं मगर हम तो उस को बहुत बडा नेता मानते हैं जिस ने रूस को बचा लिया वरना और टूटता। वह बहुत छोटा देश हो कर रह जाता। मेरे ख़्याल से जब तक बाईडेन हैं तब तक कोई समझौता नही होगा क्यो कि यह पूराने नस्ल का अमेरिकी नेता हैं जो interventionist और conspiratorial नीति पर चलते हैं। इस दो साल मे दुनिया और बहुत बदल जाये गी।

कुलदीप सिंह ईरान सीरिया मे तुर्किया के हमले बंद करने को कह रहा है यानी कि ईरान अपने आतंकवादी प्यादों को वहां बचाना चाहता है सर. ऐसे कैसे चलेगा ?

Arif Kamal सुबह से इंतज़ार था आपकी इस पोस्ट का।

Shakib Khansaab बेहतरीन लेख