Written on 16th November 2024

Psychology (मनोविज्ञान) जिस को अमेरिका मे व्यवहारिक विज्ञान (Behavioural Science) कहा जाता है दुनिया के लिए नया नहीं है। अमेरिका के डोनाल्ड ट्रम्प का “बिहेवियर” दुनिया के लिए कोई अंजाना विषय नहीं है।

बिहेवियरल विज्ञानी को पता है कि ट्रम्प के निर्णयों की भविष्यवाणी करने की कोशिश करना मूर्खता है। ट्रम्प को भी पता है कि उन के पहले कार्यकाल के मूर्खता के कारण दुनिया बदल चूकी है जिस का नतीजा रूस-यूक्रेन (2/24) और इसराइल-प्रतिरोधी ताक़तों (10/7) का मार-काट है।

अब जब ट्रम्प के दूसरे कार्यकाल के “विदेशी संबंधों” की बात आती है तो खासकर मिडिल ईस्ट निस्संदेह उनके पहले कार्यकाल से अलग होगा।

*द्वितीय विश्वयुद्ध (WWII) के बाद 24 फ़रवरी 2022 से रूस का यूरोप (यूक्रेन) मे मार-काट ने अमेरिका के विदेश संबंधों को सौ साल में पहली बार चुनौती दिया है जिस का नतीजा 7 अक्टूबर 2023 का इसराइल-प्रतिरोधी ताक़तों के मार-काट ने दुनिया की शक्ति संतुलन को 1876 के बाद बदल दिया।

*फ़ॉल ऑफ काबूल (8/15), 2/24 और 10/7, तीन महत्वपूर्ण वर्षों की घटना के बाद यह कहना असंभव नहीं है कि आगे क्या होने वाला है।

*10/7 की इसराइल-फिलिस्तीनी संघर्ष के हिंसक घटना ने पश्चिमी देशों ख़ास कर अमेरिका के बारे में लंबे समय से चली आ रही धारणाओं को तोड़ दिया। ट्रम्प के Abraham Accord का जनाज़ा निकल गया और अब फ़लस्तीन राज्य की माँग फिर ज़िंदा हो गया।

ट्रम्प 2.0 मिडिल ईस्ट को अब अपने unpredictable behaviour से न बेवक़ूफ़ बना सकते हैं और न चीन के सामान पर tariffs लगा कर चीन को डरा सकते हैं क्योंकि तेल-गैस की ज़रूरत सब को हैं और चीन 1.4b इंसानी आबादी के साथ साथ technological विकास के शिखर को चूम रहा है।

*ईरान जो 9/11 के बाद राष्ट्रपति बुश द्वारा Nuclear Plant हासिल कर पूरे अरब देशों ख़ास कर सऊदी अरब और अफ़्रीका के मुस्लिम देशों मे “Militant’s Proxies”  कर रहा था उस को चीन ने 22 मार्च 2022 (3/22) को सऊदी अरब से दोस्ती करा कर 20 साल से ईरानी “आतंकी प्रोक्सीज़” का अन्त करा दिया जिस का नतीजा है 10/7.

10/7 के पहले ईरान-इसराइल संबंध ज़बानी तकरार तक था और दोनों लड़ना नहीं चाहते थे मगर अब 10/7 के बाद ईरान ने इसराइल पर दो बार हमला किया है, जो मामूली घटना नहीं है।

पिछले सप्ताह ईरान-सऊदी अरब के आर्मी चीफ़ आपस में मिले हैं और अब ईरान का प्रॉक्सी हूथी सऊदी अरब से समझौता को तैयार हो रहा है।

वहीं, Tesla के मालिक ऐलन मस्क जो आजकल ट्रम्प के “बग़ल-बच्चा” बनें फिर रहे हैं वह एक हफ़्ता मे दो बार ईरानी राजदूत से अमेरिका मे मिलें हैं ताकि बुश के ईरानी न्यूक्लियर योजना को बरक़रार रख ईरान-अमेरिका दोस्ती को नया मुक़ाम दिया जाये।

*मेरा मान्ना है कि ईरान अब दोबारा अमेरिका का प्रॉक्सी बन्ने की बेवक़ूफ़ी नहीं करें गा वरना चीन-रूस और मुस्लिम दुनिया ईरान को इस बदली दुनिया मे अगले 50 साल के लिए “अछूत” बना दें गें।  

#Note: Iran-Saudi friendship by China has ended the Iranian proxies in Muslim countries after twenty years of President Bush’s era  (2002). It is a setback to “Abraham Accord” or Israel-Arab pact of President Trump.

*Coupled with the détente between Iran-Saudi Arabia (3/22) that raised the possibility of a “New Middle East Order” in which USA/Israel will become more isolated rather than Iran.

*During Trump 2.0, USA will become global normal-power from global super-power.