तुर्की के राष्ट्रपति अरदोगान कल इराक़ में एक दिन के यात्रा पर थे, जो 2011 के बाद किसी तुर्की नेता की पहली इराक़ यात्रा थी। दशकों से इराक़ी कुर्द के तुर्की में आतंकवाद के कारण इराक़-तुर्की संबंध तनावपूर्ण बना हुआ था।

अरदोगान ने कहा कि तुर्की के सुरक्षा पर कुर्दीश (PKK) के “आतंकवाद” के खिलाफ लड़ाई मे इराक में उनकी महत्वपूर्ण बैठक हुई और उन का विश्वास है कि उत्तरी इराक़ी क्षेत्र मे PKK आतंकी की मौजूदगी जल्द ख़त्म होगी।

कल की महत्वपूर्ण बैठक मे $17 billion मे 1200 km लम्बे रोड और रेल प्रोजेक्ट जो इराक़ के समुंदरी तट से होते हुए तुर्की जाये गा उस पर क़तर, यूएई, तुर्की और इराक़ ने हस्ताक्षर किया। यह प्रोजेक्ट 2028 तक पूरा होने की संभावना है और इस मे चीन (BRI) भी शामिल होगा।

कहा जाता है कि यह 1917-18 मे औटोमन साम्राज्य की महत्वाकांक्षी योजना थी जो 1923 मे साम्राज्य के अंत होने के कारण नहीं बन सका और अब सौ साल बाद फिर पिछले साल इराक़ के कहने पर शुरू किया गया है।इस $17B की योजना में यूएई, क़तर और ईराक़ पैसा वाला देश पैसा लगाये गें।

अरदोगान कल बग़दाद से इराक़ी राज्य कुर्दिसतान की राजधानी अरबिल (Erbil) भी गये, जहॉ उन का कुर्दिस्तान (KRG) के राष्ट्रपति बरज़ानी ने भव्य स्वागत किया। नया रोड और रेल प्रोजेक्ट अरबिल होते हुऐ तुर्की जाये गा और यूरोप, जिस के किनारे 300km लम्बा एक नया शहर, सराय, बाज़ार भी बने गा।

#नोट-1: हम लोग ने G20 के दिल्ली बैठक मे India-Middle East-Europe Economic Corridor (IMEC) की महत्वाकांक्षी योजना पर पिछले साल हस्ताक्षर किया था मगर वह तो पहले से ही तय है कभी नहीं बने गा मगर अब यह सौ साल पुरानी योजना का पुन: जीवित होना एक नये दौर की शुरुआत है जिस मे एशिया, चीन, सेंट्रल एशिया तथा खाड़ी देशों के सामान को रोड द्वारा यूरोप जाने में एक ग़ैर-समुंदरी रास्ता होगा।

#नोट-2: मेरा पिछला पोस्ट सब याद रखिये गा जिस में हम लिखते आयें हैं कि 1876/1923 के सौ-डेढ़ सौ साल बाद फिर मुस्लिम दुनिया मंज़रों आम हो रहा है।अभी कोई मुस्लिम देश अमेरिका के फैलाये जाल इसराइल-प्रतिरोधी ताक़तों के मार-काट में फँस कर फिर अगले सौ साल के लिए गुमनामी मे नहीं जाना चाहता है।