Post of 2nd September 2021
इलाहाबाद हाईकोर्ट, “राष्ट्रीयगाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करें और चाहती है कि गोरक्षा मौलिक अधिकार हो।” अदालत ने कहा कि “गाय हमारी संस्कृति का आधार थी और गायों को हिंदू आस्था का प्रतीक बताया”
न्यायमूर्ति शेखर कुमार यादव की एक खंडपीठ ने लोगों को चेतावनी भी दी कि “जब भी हम अपनी संस्कृति को भूल गए, विदेशियों ने हम पर हमला किया और हमें गुलाम बना लिया और अगर हमें चेतावनी नहीं दी गई, तो हमें तालेबान द्वारा अफगानिस्तान पर बेलगाम हमले और कब्जे को नहीं भूलना चाहिए”।
वहीं, मद्रास हाईकोर्ट ने जल्लीकुट्टी तेहवार मे “विदेशी नस्ल के सांड” के उपयोग मे लाने पर बैन लगा दिया और जानवर के चिकित्सकों पर आदेश का उलंधन करने पर अदालत की मानहानि की सजा पर बल दिया।
सब से चौंकाने वाली बात कोर्ट ने कहा “कृत्रिम गर्भाधान” से जानवरों/गाय को सगागम अघिकार (mating rights) से वंचित न करें। कृत्रिम गर्भाधान Cruelty to Animals Act of 1960 के खेलाफ है।
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50 साल मे श्वेत क्रांति के नाम पर भारत माता के संस्कृति की करोड़ों गौ माता को विदेशी सॉड के सिमेन से गर्भावती करवा कर भारत के अच्छे नस्ल की गया को विदेशी बना दिया गया तो अब लोगो को भारतीय सांड और गौ माता के सगागम आनंद की बात याद आ रही है। मगर तथाकथित राष्ट्रवादी सरकार की मंत्री मेनका गॉधी गाय माता के संगमन के क्रूरता पर चुप हैं।
हमारे जानवर की पढ़ाई पढे संघ के मुखिया पशु चिकित्सक मोहन जी भागवत गौ माता के संगमन क्रूरता पर चुप हैं। ताजुब की बात यह है कि डा० मोहन जी सरकार के नीति आयोग तो गौ माता को “sexed semen” हाथ से देकर धार्मिक अप्रासंगिक अपराध कर रही है और जज साहेब तालेबान के क्रूरता को याद करा रहे हैं।
सेक्सड सिमेन से मोहन जी की सरकार तो हमारी गौ माता और गौ बहन जो हमारी संस्कृति का आधार और हिन्दु आस्था का प्रतीक है को देसी सांड संगमन से आनंदमयिए भी नही होने दे गी।
#पहली तसवीर नीति आयोग द्वारा आवारा गौ माता (stray cattle) को विदेशी सांड का सेक्सड सिमेन दे कर विदेशी नस्ल की #बछिया पैदा किया जा रहा है।कितने शर्म की बात है जो RSS या दूसरा हिन्दु संगठन गौ हत्या बंद करो का नारा लगाता था वह सत्ता मे आ कर गौ माता को सगागम अघिकार से वंचित कर गाय के गोश्त का बडा निर्यातक हो गया।
#दूसरी तसवीर मद्रास के सांड के तेहवार जल्लीकुट्टी की है।
#तीसरी तसवीर मिस्र संस्कृति के 6,000 साल पुरानी सदेवी हाथुर (Goddess Hathor) की है जिन का शरीर औरत का और सर गाय का था। वह कभी सुफैद गाय के रूप मे जिस का थन दूध से भरा होता था, पूजी जातीं थीं।
#चौथी तसवीर मेसोपोटामिया के सुमेरियन संस्कृति मे पूजे जाने वाल सांड के सर (Bull’s Head) की 4,000 साल पुराना पत्थर है।
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In her form as Hesat she is shown as a pure white cow carrying a tray of food on her head as her udders flow with milk. She is closely associated with the primeval divine cow Mehet-Weret, a sky goddess whose name means “Great Flood” and who was thought to bring the inundation of the Nile River which fertilized the land.
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