FB Post of 15 August 2023

आज 15 अगस्त 2023 को “फ़ॉल ऑफ काबुल” के दो साल के अंदर फाकिस्तान मे इमरान खॉन की सरकार गिरा दी गई मगर तालिबान अफ़ग़ानिस्तान में सत्ता में है।दो साल में अमेरिका ने अफ़ग़ानिस्तान का $7 billion पैसा रोक कर उस की अर्थव्यवस्था को पंगु बना कर वहॉ के लोगों को बर्बाद करने की पूरी कोशिश किया मगर चीन ने वहॉ से लिथियम निर्यात कर तालिबान सरकार तथा उस की अर्थव्यवस्था को तबाह होने से बचा दिया।

अब तालिबान को विश्व मंच पर धीरे धीरे स्वीकार किया जा रहा है।रूस-यूक्रेन लड़ाई के बाद विदेश में लोग तालिबान राजनयिकों के साथ मुस्कुराते हुए तस्वीर खिंचवा रहे हैं और उन के लिए “लाल-क़ालीन” बिछाते नज़र आ रहे है।

फ़ॉल ऑफ काबुल और रूस-यूक्रेन लड़ाई के बाद मीडिल ईस्ट और उत्तरी अफ्रिका के मुस्लिम देशों माली, चाड, निजेर, बुर्किना फासो, सेनेगल आदि मे अमेरिका और पश्चिमी देशों का सब आतंकी संघठन ख़त्म हो गया।जो एक्का दुक्का बचा है, वह भी अब सऊदी अरब और ईरान दोस्ती के बाद ख़त्म हो जाये गा।

पिछले दो साल से बाईड़ेन तथा अमेरिकी बुद्धिजीवी मीडिल ईस्ट और अफ़्रीका में चीन के बढ़ते प्रभाव को कम करने की हर मुमकिन कोशिश कर रहे हैं मगर पिछले साल सऊदी अरब ने राष्ट्रपति शी जिनपिंग को रेयाद बुला कर भव्य स्वागत किया।

अमृत काल खंड मे, इस बदली दुनिया में #चीन मे “#मीडिल ईस्ट को एक #प्रयोगशाला के रूप” में देखा जा रहा है।चीन मीडिल ईस्ट और सऊदी अरब मे अमेरिका की क़ीमत पर अपने रिश्ते को बढ़ा कर “न्यू वर्ल्ड ऑर्डर” में अपना एक मुक़ाम बना रहा है।

जिस तरह से चीन को मीडिल ईस्ट के तेल और गैस का आयात उस के विकास और सुरक्षा लिए ज़रूरी है, उसी तरह से मीडिल ईस्ट को चीन और जापान का बाज़ार अपने तेल और गैस के निर्यात के लिए ज़रूरी है।इस बदले जियोपौलिटिकल माहौल मे अमेरिका चाह कर भी मीडिल ईस्ट में अब आतंकी हस्तक्षेप “अरब स्प्रिंग” के तरह नहीं करे गा।

अगर अमेरिका मीडिल ईस्ट के तेल और बाज़ारों तक चीन की पहुँच को रोकने की कोशिश करे गा तो वह अमेरिका की सुरक्षा और अंतरराष्ट्रीय स्थिरता के लिए एक नया ख़तरा हो गा क्योंकि चीन और सऊदी अरब “अव्यवस्था की दुनिया” (World of disorder) के लिए तैयार है ताकि दूसरे विश्वयुद्ध के बाद की राजनीति का अन्त हो और नई दुनिया में मीडिल ईस्ट और उत्तर अफ़्रीका के देश 1878 के बाद एक नई विश्व शक्ति बन कर उभरें।

#Note: नीचे तस्वीर में अफ़ग़ानी महबूबा सेराज जिन को 2023 नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामित किया गया है।
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Some comments on the Post

Mohammed Seemab Zaman आज फ़ॉल ऑफ काबुल का ऐतिहासिक दिन है और मेरा यह पोस्ट दो साल की इस बदली दुनिया का निचोड है। दो साल मे अफ़्रीका के सारे मुस्लिम देश से फ़्रांस और अमेरिका को निकाल दिया गया। अफ़्रीका का निजेर आख़री था जहॉ से फ़्रांस को 80% यूरेनियम मिलता था।

Shambhu Kumar मौलाना रूमी का जन्म अफ़ग़ानिस्तान में ही हुआ था, आपकी पोस्ट की नज़र उनका एक शेर

“गर तू अफ़लातून-ओ-लुक़मानी ब-इ’ल्म
मन ब-यक दीदार नादानत कुनम”

Mohd Shahid सर आने वाले वक्त में क्या भारत चीन से फायदा उठा सकता है? या हमेशा की तरह चीन भारत को अपनी गिरफ्त में लेता जाएगा।

  • Mohammed Seemab Zaman भारत ने पिछले दस साल से चीन का तुष्टिकरण किया, आप बताइये क्या उस का फ़ायदा हुआ? भारत का चीन का तुष्टिकरण ने न नेहरू को फ़ायदा दिया, न नरसिम्हा राव को फ़ायदा दिया, न इस सरकार को दिया।

Zeenat Khan बेहतरीन पिछले दो साल का लेखा जोखा जो हम लोग अपनी आँखों से देख रहे.. इमरान को अपनी कुर्सी खोनी पड़ी बदले में.. लेकिन अफ्रीका से अमेरिका यूरोप के पैर भी उखड़ गए..

  • Shambhu Kumar, Zeenat Khan इमरान की सरकार गिरवाना ट्रैप था आईएसआई का सीआईए के लिए.

Afreen Noor, Asslamunalikum baba. Ye interweave dekha hai Maine. Both salike SE AUR to the point hai

  • Mohammed Seemab Zaman Walaikum Assalam, इन का इंटरव्यू CNN, TRT, Aljazeera सब पर आया है। फ़र्राटे की अंग्रेजी बोलती हैं और सही बात कहती हैं।

Turab Qureshi बेहतरीन सर, जहाँ तक फॉल ऑफ़ काबुल का सवाल है इसमें कप्तान का अहम भूमिका निभाई गयी थी.

محمد ابو هریرہ آپ نے جو تصویر لگائی ہے اس پر کچھ بات ہی نہیں ہو پائی الجزیرہ سے انٹرویو پر انھوں نے جو کہا ہے اس پر آپ کا کیا خیال ہےعورتوں کی تعلیم کے سلسلے میں پوری دنیا افغان کے خلاف کھڑی ہو جائے گی اس پر اپنی رائے دی

  • Mohammed Seemab Zamanان کا ہم نے بھی الجزیرہ پر انٹرویو کئ بار سنا ھے-بہت قابل عورت ہیں-اسی وجہ کر ھم نے ان کی تصویر دیا ہے- عورتوں کو تو تعلیم دینا ھی ہوگا –

May be an image of 1 person and text that says "Mahbouba Seraj, an Afghan women's rights activist and 2023 Nobel Peace Prize nominee."

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