Post of 6th November 2024
*2017 मे ट्रम्प राष्ट्रपति बने और WWII के बाद से चली आ रही सियासत की जियोपौलिटिक्स को बदल कर चले गये।
*अब 2024 का चुनावी परिणाम दुनिया की सियासत को बुरी तरह बदल कर रख देगा जिस की मिसाल पहले से मौजूद नहीं है (unprecedented)।
*रूस-यूक्रेन मार-काट के वजह कर पूरा यूरोप ट्रम्प को हारा देखना चाहता है मगर पुटिन ट्रम्प को जीतना देखना चाहते हैं।
*दूसरी तरफ़ मिडिल ईस्ट के मुस्लिम देश बाईडेन के इसराइल-प्रतिरोधी ताक़तों के मार-काट के कारण ट्रम्प को जितना देखना चाहते हैं।
*केवल चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग को दोनों में से किसी की जीत से फ़ायदा नज़र नहीं आ रहा था क्योंकि दुनिया की सियासत ओबामा ने “अरब स्प्रिंग”, ईरान के साथ JCPOA और भारत मे संघ की सरकार लाकर बदल दिया था।
चीन जानता है कि WWII के बाद ओबामा-ट्रम्प ने दुनिया की सियासत बदल दिया है जिस का नतीजा सब को फ़ॉल ऑफ काबूल, रूस-यूक्रेन और इसराइल-प्रतिरोधी ताक़तों का मार-काट नज़र आ रहा है।चीन को पता है वह जिस दिन चाहे गा “ताइवान” को क़ब्ज़ा कर ले गा, अमेरिका कुछ नहीं कर सकता है क्योंकि ट्रम्प के समय मे वह Hong Kong को ठंढा कर चूका है।
*अब यूरोप अपनी अलग सोंच के साथ दुनिया की सियासत करे गा।रूस-चीन BRICS के देशों को लेकर अपनी सियासत करें गें।आशा है कि BRICS के देश जल्द:
•A cross-border payment system लागू करे गें जो Belgian-based Swift-System से अलग होगा।
•China based Cips-System cross-border payment system लागू होगा। अभी चीन इसी Cips सिस्टम से Renminbi में भुगतान कर रहा है।
•एक नया Securities settlement and Depositary services शुरू होगा जो पश्चिमी देशों से अलग नई सेवा होगी।
•एक नया Alternative Insurance system शुरू हो गा जो UK के global insurance centre के वर्चस्व को खत्म कर देगा।
#नोट: यूरोप का बहुत बूरा हाल होगा।जब तक सऊदी अरब और क़तर तेल और गैस डॉलर ($) में बेचे गें, अमेरिकी डॉलर का वर्चस्व क़ायम रहे गा और रखना भी चाहिये क्योंकि अरब देशों का पैसा और निवेश डॉलर में है।
Do not worry be happy, क्योंकि हम लोग ख़ुशक़िस्मत हैं कि 1876 के बाद बदली दुनिया देख रहे हैं।
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Some comments on the Post
Parmod Pahwa: लगता है अब हम रिलीवेंट नही रहेंगे क्योंकि एलन मस्क का स्टेक चाइना में है और चीन अमेरिकी जनता के लिए मजबूरी बन चुका है ।
सबसे बड़ा झटका अम्बानी को लगने वाला है क्योंकि आते ही ट्रम्प ने रूस से प्रतिबंध हटाने की घोषणा कर दी है ।
बिल गेट्स और पुराने बैंकर की मेहनत बेकार गई। खुदा भाई को सलामत रखे, लिंकन या कनेड़ी ना बनने दे
Mohammed Seemab Zaman: Parmod Pahwa साहेब, मेरा relevance तो खत्म होना ही था। मेरे हिसाब से तो यह 2020 गलवान में ही ख़त्म हो गया था।
आज मस्क का नाम लेकर बोला है, यानि यह अब अमेरिका का सब से बड़ा Businessman हो जाये गा। अभी तो इस के पास दो ही कम्पनी है Tesla और Starlink है। देखना है कि यह चार साल में कितनी और कम्पनी का मालिक हो जाता है।
कबीर विद्रोही: मुझे तो भारत, RSS और अपने भविष्य की चिंता है। हम खुश किस्मत हो सकते है कि 1876 के बाद दुनिया हमारे समय में बदल रहा है। पर बदलाव सबके लिए फायदेमंद नही होता। बदलाव से फायदा उठाने के लिए जागरूक, सतर्क और सही समय पर सही निर्णय लेना जरूरी होता है वरना बदलाव Nightmare बन जाता है।
भारत और संघ में से कोई एक ही मजबूत हो सकता है। तो बदलती दुनिया में भारत का भविष्य क्या होगा?
Mohammed Seemab Zaman: कबीर विद्रोही साहेब आप की चिंता वाजिब है। जो game खेला गया वह तो बदलाव के लिए ही किया गया था मगर रिज़ल्ट फ़ायदेमंद नहीं हुआ और वह Nightmare हो गया।
हम तो 2017 के बाद से ही कह रहे हैं कि दुनिया बदल गई है मगर लोगों ने 2019 मे “please once more…..” कर दिया।दस साल मे संघ ने अपने घरेलू नीति को विदेश नीति बना दिया तो भविष्य क्या होगा?
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