Post of 6th December 2023

तमिलनाडु के मंत्री उदयनिधि स्टैलिन के सनातन धर्म पर किये गये विवादित टिप्पणी पर भारत सरकार तथा भारतीय समाज की “सख़्त और उचित प्रतिक्रिया की आवश्यकता है” ताकि भविष्य मे कोई भी व्यक्ति विशेष या आम आदमी अपने या दूसरे धर्म पर इस तरह की गंदी टिप्पणी नहीं करे।

मंत्री स्टैलिन की टिप्पणी अपने धर्म पर कोई नई बात नही है।1956 से अम्बेडकर के 22 प्रतिज्ञयों में शुरू के पॉच प्रतिज्ञाएँ स्नातन धर्म के भगवान के खिलाफ हैं, जिस मे एक मे तो #झूठ शब्द तक का प्रयोग किया है और संकल्प लेते वक्त पागलपन तक कहते है।यह प्रतिज्ञाएँ पत्थर पर संघ के मुख्यालय नागपुर शहर में कुरेदी हुई है मगर आज तक कोई उस का विरोध नहीं करता है।हर साल दशहरा के अवसर पर भव्य समारोह में बुद्धिस्ट समाज द्वारा संकल्प लिया जाता है।

जब से बीजेपी की सरकार आई है, तब से इस्लाम धर्म पर इसी तरह की टिप्पणी कर्नाटक के संघ के तेजस्वी सूर्या ने 2015 मे इस्लाम को आतंकवादी तथा अरब औरतों के Sex और Orgasm पर गंदा ट्विट किया था मगर भारत में न सरकार ने इस पर संज्ञान लिया न ही भारतीय समाज ने।पूरे अरब ने तेजस्वी सूर्या का ट्विट देख लिया, जहॉ लाखों भारतीय नौकरी कर भारत में अपना परिवार चलाते हैं।हंगामा के बाद 2019 मे भारत सरकार के मंत्रालय ने वह ट्विट डिलीट करवाया मगर तब तक बहुत देर हो चूका था और सऊदी अरब ने G20 के अवसर पर 20 रेयाल के नोट पर एक controversial भारत का नक़्शा छाप कर इतिहास रच दिया।

आज सुबह एक सिद्धार्थ ताबीश है जिन्होने शायद अम्बेडकर का 1956 का घर्म अपना लिया है के पोस्ट पर हमारे हिन्दु मित्र का ग़ुस्सा भरा पोस्ट देखा।यही सिद्धार्थ ताबिश जब इस्लाम धर्म के बारे में पोस्ट कर रहे थे तो कोई विरोध नहीं किया।

2022 में निपुर शर्मा पैगम्बर साहब और उन की पत्नी आयशा पर ग़लत टिप्पणी किया तो भारत सरकार तथा दूसरे सब चुप रहे जबकि कतर ने माफ़ी माँगने को कहा।

#नोट: अगर 2015 में ही तेजस्वी सूर्या को सख़्त सज़ा दे दिया गया होता तो अरब ग़ुस्सा मे G20 में नोट नहीं छापते या सुल्ली डीलस या बुल्ली बाई विड़ियो या सिद्धार्थ ताबीश या निपुर शर्मा को सख़्त और उचित सज़ा दे दिया गया होता तो आज मंत्री स्टैलिन की हिम्मत नहीं होती जो सनातन धर्म के खिलाफ गंदा ब्यान देते और उस को सही ठहराते।

*Please share the Post and keep your comments respectful.
============
Some comments on the Post

Mohammed Seemab Zaman

यह नोट सऊदी अरब ने 2020 में वहॉ हो रहे G20 के सम्मेलन में छापा था, जिस मे POK को पाकिस्तान का हिस्सा दिखाया है जो बिलकुल ग़लत है। पूरा कश्मीर भारत का अटूट अंग है, हम सब भारतीय मानते हैं। जो अक्साई चिन को चीन का हिस्सा दिखाया है वह तो नरसिम्हा राव LAC 1993 मे मान चुके है। फिर भी भारत सरकार को सऊदी अरब से विरोध कर यह नोट वापिस लेनवाना चाहिये क्योंकि सैकड़ों साल तक यह #झूठा सबूत दुनिया में रहे गा।

Sandeep Solanki

Mohammed Seemab Zaman साहब बाबा साहब अम्बेडकर जी ने कभी सनातन का विरोध नहीं किया उन्होंने तो केवल पाखंडवाद और ब्राह्मणवाद का विरोध किया उसी के चलते उन्होंने ये 22 प्रतिज्ञाएं ली ….आप भी जानते है हिंदू कोई धर्म नही है सनातन कोई धर्म नही बल्कि ये प्रकृति की नेमत है उसका नियम है

  • Mohammed Seemab Zaman, Sandeep Solanki साहेब, आप खुद लिख रहे हैं कि सनातन का विरोध नही किया बल्कि ब्राह्मणवाद का विरोध किया, मगर वह विरोध कर सनातन मे नही रहे बल्कि बूरा कह कर सनातन को भी छोडा और ब्राहमण को भी छोड कर दूसरे घर्म मे चले गये। जब विरोध कर रहे थे शादी ब्राह्मण औरत से क्यो कर लिया?मेरा कहना है धर्म बदलये मगर बूरा कह कर नही बदलिये। आप फ्री हैं जहॉ जाना है जाईये, कोई नही रोके गा।

Aabid Sheikh देश मे 2019 के बाद ऐसे लोगो की तादाद में इजाफा हुआ है जो मुसलमान के खिलाफ आपत्तिजनक, नारे,पोस्ट,कानून, हर चीज पर मुख समर्थन दे देते है लेकिन जब उन्ही के धर्म का कोई उन्ही के धर्म पर गलत, बयानबाजी कर देता है तो ये लोग गला फाड़कर चिल्लाते नज़र आते है

  • Mohammed Seemab Zaman 2019 नही, यह 2015 मे ओबामा के भारत आने और लोटने के बाद से इज़ाफ़ा हुआ है, जिस का नतीजा है कि 2019 के बाद बर्बादी सब को नजर आने लगी।

Subhan Khan साहब इतनी सारी घटनाए मोदी काल मे ही हो रही है मे इसको कोई सीधी साधी घटना नही समझ पा रहा हू मुझे लगता है मोदी काल मुस्लिमो के लिए स्वर्ण काल की आहट है बहुत सारे लोग मेदान से गायब है बहुत सारे मुद्दे बदल रहे है दंगा फसाद की संभावना की घुरी कही से कही जा चुकी है यह कोई आसान बदलाब नही लगता और मोदी की राजनीति भी समझ से परे है जो दिखाया जा रहा है और जो हो रहा है फर्क है सबसे बडी बात काग्रेस जैसी चाणक्य पार्टी जिसने कम्युनिष्ट पार्टीयो की जमीन खीच ली चौधरी चरण सिंग और जेपी जैसे नेताओ को राजनीति मे टिकने नही दिया वह एक आदमी का मुकाबला दस साल से कर रही है और आज भी नाकाम है यह असंभव है इसमे जरूर कोई न कोई बल्ड आडर या महाशक्ति काम कर रही है.

Anwar Ali कोई धर्म किसी के साथ भेदभाव कैसे कर सकता है। जन्मजात मिले इस अन्याय को धर्म के ठेकेदार दूर नहीं करेंगे तो असंतोष लाज़मी है। समता, समानता और बंधुत्व ही धर्म और समाज का आधार हो सकता है। यह धार्मिक नहीं सामाजिक न्याय के अधिकार की जद्दोजहद है और दुनिया का कोई कानून इसके ख़िलाफ़ नहीं हो सकता।

  • Mohammed Seemab Zaman बहुत शांदार कौमेंट किया है “इस अन्याय को धर्म के ठिकेदार” दूर नही करें गें तो असंतोष लाज़मी है। तेजस्वी सूर्या, निपुर शर्मा लोग धर्म के ठिकेदार ही हैं और आज इन्ही पर चू गया।

Javed Hasan इन 22 प्रतिज्ञाओ पर आपकी एक पोस्ट ओर है जिस पर आपने मोहम्मद फैसल की बीबीसी रिपोर्ट को कोट किया है

  • Mohammed Seemab Zaman, Javed Hasan साहेब, भला हो Faisal Mohammad Ali साहेब का जो यह जानकारी हम लोगों को 2022 मे दिया, हम तो यह नहीं जानते थे कि यह 66 साल से सनातन धर्म को वहॉ कोस रहे रहे थे जहॉ RSS का मुख्यालय है। पिछले साल तो संघ के बड़े नेता गड़करी को भी फ़ैसल साहेब ने दिक्षा समारोह में वहॉ बैठा देखा थे जो सुबह में संघ के मुख्यालय में दशहरा समारोह में बैठे थे।

Kamil Khan हम मुस्लिम को तो शुरू से सिखाया जाता है किसी दूसरे धर्म वाले के सामने उसके धर्म और उसके महापुरुषों को बुरा न कहो, इस लिए हम लोगों ने कभी हिंदू धर्म और उनके देवी देवता को कभी कुछ नहीं कहा, मगर ये कुदरत का करिश्मा है के आज हिंदू ही हिंदू धर्म को डेंगू मलेरिया से तुलना कर रहा है, बोया पेड़ बाबुल का तो आम कहाँ से पाओगे.

Arshad Husain

नक्शा या डेटा पढ़े लिखे को समझ में आता है. जहां मुखिया अनपढ़ हो, बाकी लोग नशेड़ी. वहां कुछ भी उम्मीद लगाना बेमानी है.

  • Mohammed Seemab Zaman नक्शा छाप कर ऐसा इतिहास रच दिया की सौ-दो सौ साल बाद यह जब डिंग हॉकें गे कि हम अमृत काल मे भव्य मंदिर बनाया और विश्वगुरू थे तो यह नक्शा लोग देखा कर दुनिया झूठ का पोल खोल देगा।