FB Post of 29th December 2020
आज ब्रेक्जिट के बाद तुर्की पहला देश हुआ जिस ने ब्रिटेन के साथ “फ्री ट्रेड समझौता” पर दोनो देश के मंत्री ने हस्ताक्षर किया।तुर्की की आबादी 8 करोड है और ब्रिटेन से सालाना $25 billion का ट्रेड करता है। यह नया ट्रेड समझौता 1995 तुर्की-ईयू समझौता को ख़त्म कर एक नया रिश्ता बनाये गा। अगर यह समझौता नही होता तो तुर्की के 75% सामान पर इंगलैंड मे आयात शुल्क पहले की तरह लगता रहता। अब तुर्की से कपडा, कार का पार्टस, खाने का सामान और दूसरा हाई टेक सामान ब्रिटेन/तुर्की बिना किसी शुल्क के एक दूसरे से आयात- निर्यात करें गें।
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आज तुर्की के विदेश मंत्री और रूस के विदेश मंत्री रूस के शहर सूची मे मिले और अगले साल रूस-तुर्की संबंध को आगे बढ़ाते हुऐ 2025 तक आपस मे $100 billion का ट्रेड की रूप रेखा तैयार किया।
रूस के विदेश मंत्री लेवरोव ने कहा रूस-तुर्की मेलेटरी क्षेत्र मे आपसी सहयोग कर अफ्रिका, सिरिया, लिबिया, नगोरनो काराबाख और आरमेनिया मे शांति बहाल करे गे और एक दूसरे से सहयोग करे गें।
तुर्की भविष्य मे रूस के साथ मिल कर वैकसीन बनाने पर काम करे गा।
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तुर्की 2003 मे अफ्रिका के देशो के साथ $5.4 billion का ट्रेड करता था और 2019 मे $26.6 billion का किया। पिछले दो महीना मे तुर्की अफ्रिका के देशो के साथ मिल कर 2025 तक $50 billion के ट्रेड करने की योजना बना रहा है।
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भारत $20 billion का ट्रेड ब्रिटेन से 1995 के भारत-ईयू समझौता के तेहत करता है जिस मे सिर्फ $500 million यूरोपियन देश को करता है।ब्रेक्जिट के बाद ब्रिटेन से ट्रेड पर बात करने सरकार ने किसी को नही भेजा है।