Post of 23rd April 2022
पूरी दुनिया 2008 के फाईनेनशियल क्राईसिस से निकल ही पाई थी कि कोविड ने दुनिया को दो साल के लिए कम-व-बेश सब को तबाह किया, मगर दूसरे आलमी जंग के बाद यूरोप मे 24 फरवरी 2022 को अचानक लडाई शुरू हो गई।
कोई नही जानता था कि यह कोविड से बडा संकट पैदा करे गा। 2008 का आर्थिक संकट या कोविड ने “Food Crisis” पैदा नही किया मगर यूक्रेन लडाई ने दुनिया मे “खाद्य संकट” तथा “उर्जा संकट” पैदा कर दिया।
तेल और गैस उत्पादक देश वेस्ट्रन देशो द्वारा मिडिल ईस्ट के चालीस साल के मार काट तथा इस्लामोफोबिया का बदला यूक्रेन लडाई मे निष्पक्ष/तटस्थ हो कर तेल का दाम बढा कर ले रहे हैं जिस के कारण यूरोप मे कोविड के बाद तीव्र आर्थिक रिकवरी को रोक दिया और उर्जा से लेकर खाने पिने के सामान की किमत 3-4 गुणा बढ गया।
रूस-यूक्रेन दुनिया को 1/3 गेंहू, मक्का, सूरजमुखी का तेल खेलाता था जिस की आपूर्ति तीन महीना से बंद है। दुनिया का दूसरा बडा खाने का तेल इंडोनेशिया और मलेशिया दुनिया को निर्यात करता है, इन देशो ने भी निर्यात बंद कर दिया जिस से भारत मे बहुत बडा संकट पैदा हो जाये गा।नीचे रूस और यूक्रेन द्वारा गेंहू के आपूर्ति का ग्राफ देखे जिस को भारत क्या दुनिया का कोई देश पूर्ती नही कर सकता है।
यह खाद्य और उर्जा संकट भी कोविड के तरह पूरी दुनिया मे अगले दो साल बहुत बडी तबाही मचाये गा और यूरोप तथा भारत जैसे देशो मे श्रीलंका के तरह समस्या पैदा करे गा।
अब सविडेन मे या फ्रांस मे इस्लामोफोबिया का नाटक कर सरकार लोगो को गुमराह करने मे कामयाब नही होगी और न भारत मे तीन तिलाक़ या हनुमान चलीसा पढने से लोगो का धार्मीक धुर्वीकरण कर सरकार बच पाये गी।
#नोट: पिछले महीना प्रिंस सलमान ने अमेरिका के विदेश मंत्री ब्लिंकन तथा रक्षा मंत्री ऑस्टन को सऊदी अरब की यात्रा पर आने से मना कर दिया। दुनिया बदल गई है, अंतोगत्वा भारत मे सोंच को बदलना हो गा।
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Some comments on the Post
Mohammed Seemab Zaman स्वीडन मे सरकार ने ही क़ुरआन जलाने का नाटक दक्षिणपंथी पार्टी से मिल कर criminal gang से शुरू करवाया जिस तरह से भारत मे सरकार आजान के खेलाफ हनुमान चलीसा पढने का नाटक शुरू करवाया।मगर स्वीडन मे उलटा पड गया क्योकि यह क्रीमनल गैंग पर जब सरकारी पुलिस ने ज़ुल्म किया तो वह लोग सैकडो गाड़ी पुलिस की ही जला दिया, यहॉ तक के पुलिस को गाड़ी समेत अग़वा कर लिया क्योकि पुलिस और क्रिमनल एक दूसरे को जानते था। अंतोगत्वा पुलिस को गैंग को समझा कर मामाला को बंद किया गया मगर पूरा मुस्लिम दुनिया ने स्वीडन को कड़ी चेतावनी दे दिया।दुआ किजये कल फ्रांस मे मेरी लॉ पेन मैकरौन को हरा दे तो बहुत मज़ा आये गा, European Union टूट जाये गा और रूस पूरा यूक्रेन कब्जा कर ले गा। मगर मेरा कहना है कि मेरी लॉ पेन जीतें गी नही, इस को लोग ट्र्म्प की तरह हरा दे गा।
Shalini Rai Rajput भारत के पास अभी कोई स्पष्ट विदेश नीति नहीं है। इस्लामोफोबिया का जिन्न जिस बोतल से बाहर आया उस ही की पूर्व उत्पत्ति संघ है। दुविधा बड़ी है।
- Mohammed Seemab Zaman भारत को पास सौ साल की सोंच थी जिस को विदेश नीति मे डाल कर विश्वगुरू का सपना देखने लगे क्योकि पेटागौन कुशोर ओबामा की नीति को भारत मे लाने का ठीका लेकर सरकार बनवा दिया था। मगर भारत मे बुद्धिजीवियों को यह याद नही रहा कि अब एशिया मे मिडल इस्ट देश दूसरा चीन भारत को नही बनने दे.
Kamal Siddiqui शानदार पोस्ट सरमलेशिया से पहले ही पाम ऑयल लेना बंद कर चुके हैं।इंडोनेशिया से घूमकर आता था अब वो भी बंद होगा। वाह रे विश्व गुरु.
- Anish Akhtar, Kamal Siddiqui खाने और जलाने का तेल दोनों टोपी से..
Parmod Pahwa सर अब लड़ाई बिल गेट्स और ऐलन मास्क तक पहुंच चुकी है।फाइनल तभी होगा जब डॉलर का हिसाब फाइनल हो जायेगा। इस शतरंज मे रूस राजा है, चीन वजीर, तुर्की और ईरान हाथी, पाकिस्तान और लीबिया घोड़े।हम और श्रीलंका सबसे बेकार प्यादे।आप एक बात बताएं कि चीन श्रीलंका को बेल आउट क्यों नहीं दे रहा ?
- Mohammed Seemab Zaman, Parmod Pahwa साहेब, जानते है अमेरिका ने सऊदी अरब से सवाल किया है कि OPEC+ का शर्त है कि जो तेल बिके गा वह डॉलर मे तो फिर रूस कैसे रोबूल मे इंडिया और तान को बेच रहा है? मगर ओपेक चुप है।मोरा खेयाल है चीन इंतजार मे है कि श्रीलंका धूटना टेके तब वह मद्द करे। भारत ने IMF को मद्द करने को कहा मगर वह इंकार कर गया, अब यह World Bank के पास गया है मगर वह भी ज्यादा नही दे पाये गा और सूना है भारत ने बहुत कड़ी शर्त बेल आउट का रखा है जो श्रीलंका कभी नही तैयार हो गा।
Syed Shaad कुँवा के मेंढक लोग यहां करोड़ों का एथोनॉल प्लांट लगा रहे हैं, ग्रीनफील्ड 6-8 लेन एक्सप्रेस-वे बना रहे हैं, ज़ेवर अंतराष्टीय हवाई अड्डा बना रहे हैं, छोटे-बड़े कई बंदरगाह बना रहे हैं। बाकी सरदार पटेल मूर्ति etc etc., बना ही रहे हैं। इन तमाम चीजों को बनाकर जनता के अंदर विश्वगुरु का दम्भ भरा ही जा रहा है।जबकि करना किया है और कर किया रहे हैं इस पर न तो कोई लिखने वाला है और न ही बोलने वाला। सब नशे में धुत हैं।