Post of 6th January 2022

हम जब लिखते हैं कि 21वी सदी एशिया का होगा, चीन का होगा, तुर्क का होगा, सेंन्ट्रल एशिया का होगा तो हमारे तीस साल से अंघे हो गए दिल-दिमाग़ को समझ मे नही आता है और विश्वगुरू होने का सपना देखते और देखाते ही रहते हैं।

तीन दिन से सत्तर साल बाद रूस के जूल्म और नरसंहार से आजाद (1991) कजाकिस्तान के एलमाटी शहर मे लोग गैस के दाम बढ़ने के खेलाफ प्रोटेस्ट कर रहे हैं (मेरे हिसाब से लोगो का यह मज़ाहरा सही है).

कजाकिस्तान केवल तेल और गैस से माला-माल मूल्क नही है बल्कि वह दुनिया को 40-50% यूरेनियम सप्लाई करता है।भारत भी वहॉ से अपने प्लांट के लिए 80% यूरेनियम लेता है।

कल यूरेनियम का दाम दुनिया मे $42/pound से बढ कर $45.25 हो गया। तेल का दाम भी बढ कर फिर $80 हो गया।कोरोना के बरबादी से दुनिया के बहूत से मूल्क की अगले दस साल हालत नही सूधरे गी मगर एशिया विश्वगुरू होगा।

हमारे यहॉ जो रोज़ नौटंकी-ड्रामा होता है, खास कर उत्तर भारत के गोबर पट्टी मे वह देश के सीमा और नस्ल की बरबादी की एक “लम्बी फेहरिस्त” है जो दश्को देश भूगते गा।

आखिर मे इस पोस्ट को इस्लाम शेरी साहेब (Islam Hussain) के एक शेर पर भारत के अंघे हो गए बुद्धिजिवी, पत्रकारों के नजर करते हैं:
“कमज़र्फ तख़्त पर जबसे बैठ गए
माज़ी भूल गए आगही भूल गए
हावी है नशा इक़्तेदार का इसक़
दरउतरना हैं ज़मीं पर वाक़ई भूल गए”

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Some Comments on the post

Mohammed Seemab Zaman कज़ाख़िस्तान मे जो हो रहा है वह वेसट्रन पावर करवा रहा है ताकि चीन के यूगर एलाक़ा मे unrest पैदा किया जाए। मगर रूस और तुर्की यह नही होने दे गा। तुर्की की बहुत सी कंपनी वहॉ काम करती है और रूस का तो वह दोस्त है ही।मगर एलमाटी के लोगो ने जो किया है वह सही कर रहे है। कजाकिस्तान की आबादी 2.5 करोड है और दौलत बहुत है मगर फिर भी लोग मिडिल इस्ट के सऊदी अरब या कतर, कोवैत, यूएई के तरह दौलत से महरूम हैं। वहॉ रूस का वोदका पिने वाला तबक़ा आज ही सरकार पर हावी है। डेमौक्रेसी नही है। वहॉ तीस साल मे राज्य के गवर्नर तक का चुनाव नही होता है और न कोई विरोधी पार्टी है और न संसद या विधान सभा का चुनाव होता है।चार दिन के हंगामा के बाद वहॉ हालत सुधरे गा और हम को उमीद है राजनीतिक बदलाव हो गा दूसरे सेंन्ट्रल एशिया के मूल्क उजबेकिस्तान, किरगिस्तान या अज़रबाइजान के तरह।

Khursheeid Ahmad जबरदस्त पोस्ट और बहुत अच्छा शेरज़मीन पर उतरना भूल गए थे कल पंजाब में उतरे भी तो उल्टे पांव भागना पड़ा

Abdul Hamid लाजवाब शेर में पोस्ट के सारे तथ्य आ गए.

Islam Hussain ये इज्जत के लिए बेहद मश्कूर हूं.शेर सही जगह पर पहुंचा है।

  • Mohammed Seemab Zaman यक़ीन मानये, आप के शेर पढने के बाद ही यह पोस्ट दिमाग मे आया। आप के शेर ने यह पोस्ट लिखवा दिया।
  • Islam Hussain जहे नसीब

Sandy G देश के सीमा और नस्ल की बरबादी की लंबी फेहरिस्त है जो दशकों देश भुगतेगा.

  • Mohammed Seemab Zaman यह भी “लम्बी फ़ेहरिस्त” लव्ज़ Islam Hussain साहेब का कल मेरे पोस्ट पर कौमेंट था। इस वजह कर हम ने कौमा दे कर लिखा है।

Irfan Zibran सर मुझे भी यह प्रोटेस्ट सकारात्मक लग रहा है।वैसे भी कजाखस्तान बहुत सोया हुआ रहता है जबकि सक्रियता दिखाकर एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है क्योंकि यूरेनियम आज की मजबूरी है।

  • Mohammed Seemab Zaman मालूम है इसी कजाकिस्तान के यूरेनियम से रूस न्यूकिल्यर प्लांट बेचता रहा था। दूसरा यूरेनियम का मूल्क ओसट्रेलिया, सूडान, माली, निजेर वगैरह है, जिस को फ्रांस निकाल कर सत्तर साल से बेच रहा है। अब सब ख़त्म हो गया, दुनिया बदल गई।