Post of 1st April 2022
कल इस्राईल मे अमेरिका के राजदूत ने कहा है कि ईरान के साथ अमेरिका का जेसीपीओ समझौता फिर हो जाता है या नही भी होता है, तो इस्राईल अपने सुरक्षा के लिए ईरान पर हमला कर सकता है।यानि अब अमेरिका ईरान-इस्राईल लडाई मे मौन रहे गा (लिंक कौमेंट मे पढें).
ट्र्म्प “अब्राहम एकौर्ड” करा कर यही करना चाहता था कि अब इस्राईल खूद मिडिल ईस्ट मे अपनी सुरक्षा का बंदोबस्त करे।अगर हम अमेरिका होते तो सत्तर साल बाद इस बदली दुनिया मे यही काम करते जो इस्राईल के राजदूत ने कहा है।अब हमारे राष्ट्रपति रईसी साहेब को भी अमेरिका ने खूली एजाज़त दे दिया, जाओ अब जा कर लड़ो।
अब देखये गा हेज़बूल्लाह, ईरान और इस्राईल सब अपना बग़ल झाँकने लगें गें।अब जो इस्राईल मे धमाका हो गा उस मे इस्राईल न हमास का नाम लेगा न हेज़बूल्लाह का बल्कि आईएसआईएस का नाम लेगा।ईरान भी सिरिया या लेबनान मे प्रौकसी बंद करे गा।
हम चाह रहे हैं कि रूस-यूक्रेन लडाई मे दोनो पक्ष मे कोई भी लडाई नही जिते ताकि तेल/गैस का संकट लम्बा चले और यूरोप-अमेरिका का सारा साज़िशी दिमाग नाकामयाब हो जाये।यूरोप रूस पर रोज़ नया सैंगशन्स लगाता रहे और यूक्रेन से रिफ्यूजी यूरोप जाते रहें, फिर देखये गा इस्राईल और ईरान दोनो को दुनिया भूल जाये गी।
बाकी जो इस्राईल और ईरान के चाबहार को देख कर विश्वगुरू बनने का सपना देख रहे थे, उन की सौ साल की सोंच को बहुत बडा धक्का लगा।अब कोई ऐलाईज़ नही रहा, अगर रूस के तरफ झूकते हैं तो अमेरिका तंग करे गा, मिडिल ईस्ट तमाशाबीन बना रहे गा।
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Some comments on the Post
Mohammed Seemab Zaman हम पिछले हफ्ता, ईरान, मिस्र और इस्राईल मे यूएई, बहरैन, मिस्र, मोरौक्को के विदेश मंत्री के आपस मे बैठक पर पोस्ट किया है। देख लिजये सब का रिजल्ट आ गया। यह सारा रिजल्ट सिर्फ एक वजह कर आ रहा है कि शाह सलमान चुप बैठे हैं। प्रिंस सलमान OPEC+ की बात कर तेल या गैस ज्यादा बाजार मे लाने से इंकार कर रहें हैं।अब यूरोप चीन को रोज़ डराये गा कि रूस की मदद न करो मगर चीन कहे गा हम को गैस और तेल दो ताकि हम रूस की मदद न करे। यह यूरोप कर नही पाये गा क्योकि मिडिल ईस्ट के देश रूस- यूक्रेन लडाई मे चुप हैं किसी पक्ष का साथ नही दे रहे हैं।