Post of 4th January 2023

14 फरवरी 1945 को राषट्रपति रूज़वेल्ट और शाह अबदुल अज़ीज़ के बीच पानी के जहाज़ USS Quincy पर तेल डॉलर मे बेचने का समझौता हुआ जिस को बाद मे अमेरिकी अर्थव्यवस्था को पेट्रो-डौलर अर्थव्यवस्था कहा जाने लगा।

1973 योम-कपूर वार ने तेल को हथियार बना दिया और उस के बाद वेस्टर्न पावर ने मानवाधिकार और जलवायु परिवर्तन का नारा लगा कर तेल उत्पादक देशो को घेरने की कोशीश किया और उधर फिलिस्तीन मे लडाई, मार-काट और जमीन कब्जा करने का अभियान चलता रहा, अफगानिस्तान और अफ्रिका मे हर मूल्क अपना आतंकवादी संगठन पैदा करता रहा और मुस्लिम के माथे पर आतंकी होने का ठप्पा लगाता रहा।

इस शताब्दी का बीस साल मुस्लिम को आतंकी साबित किया जाता रहा मगर 15 अगस्त 2021 को फौल ऑफ काबुल ने पूरी दुनिया से आतंकवाद का ठप्पा मुस्लिम के माथा से हटा दिया। रूस-यूक्रेन संघर्ष अब यूरोप के माथा पर आतंकी का ठप्पा लगाने लगा।

फौल ऑफ काबुल के एक साल बाद तुर्की यूरोप के देश स्वीडेन और फिनलैंड को Guest House of Terrorists का मूल्क कह कर NATO मे शामिल नही होने दे रहा है।

नीचे रूस के विदेश मंत्री का वीडियो सूने, वह कहते हैं कि “अगर आप रूस-यूक्रेन संघर्ष के कारण नही सो पा रहे हैं तो अपने को शांत करने के लिए मेरी सलाह सूने। कल्पना किजये की यह अफ्रिका मे हो रहा है, कल्पना किजये कि यह मीडिल ईस्ट मे हो रहा है, कल्पना किजये यूक्रेन फिलिस्तीन है, रूस अमेरिका है।“

Russian Foreign Minister Sergey Lavrov said “if you can not sleep because of Russia and Ukrainian conflict. There are some advices to calm you down. First imagine this is happening in Africa, imagine this is happening in Middle East, imagine Ukraine is Palestine, imagine Russia is United States, that’s all.”

#नोट: यूक्रेन वार ने फिलिस्तीन मसला को अरब-अमेरिका के संबंध मे “प्रचंड चुनौती” की प्ररिस्थिती पैदा कर दिया है।अमेरिका अगर अब भी फिलिस्तीन मे मार-काट जारी रखने मे सहयोग करता रहा तो तेल उत्पादक देश 5-6 साल मे petrodollar त्याग कर de-dollarisation शुरू कर दे गे और चीन के साथ petroyuan मे तेल और गैस बेचने का समझौता कर लें गे।इस तरह से 1946 के बाद “न्यू वर्लड एनर्जी आडर” का जन्म होगा।

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