Post of 16th May 2022

सौ साल बाद यह दो साल दुनिया तथा भारत के लिए बहुत बडा “खाद्य संकट” होने वाला है क्योकि पर्यावरण के कारण तापमान बढ गया है और पानी की कमी हो गई है, दुनिया मे सूखा (drought) कई देशो मे है।

इस खाद्य संकट को रूस-यूक्रेन लडाई और तबाही की तरफ ले गया है। रूस-यूक्रेन लडाई ने खाद्य के साथ तेल और गैस संकट पैदा कर दिया है जिस के कारण फर्टिलाईजर का दाम दुनिया मे दुगना हो गया है।

भारत ने इस साल मार्च तक दुनिया को 7 million tonnes गेंहू निर्यात किया था मगर इस साल गर्मी के कारण अनुमान है कि 105 million tonnes (5%) कम गेंहू की पैदावार होगी। दुनिया को खाने का तेल इंडोनेशिया और यूक्रेन-रूस के कारण 20-30% कम उपलब्ध हो गा।

तेल और गैस के कारण परिवहन खर्च दुगना बढ गया है जिसके कारण खाने की चीज़ तीन और चार गुणा महँगी हो जाये गीं।दुनिया मे कोरोना कालखंड मे दो साल तेल और गैस मे कोई निवेश नही हुआ है जिस के कारण मिडिल ईस्ट अधिक तेल गैस सप्लाई करने मे अक्षम हैं तथा अमेरिका से ख़फ़ा होने के कारण वह संकट बना कर भी रखना चाहते हैं।

इराक़ जिस को दो नदियों का मूल्क (दजला और फेरात) कहा जाता है वहॉ तीन साल से चावल के पैदावार मे कमी हो गया है।अफ्रिका के कई देश चाड, सूडान, सूमालिया सूखा से परिशान हैं। BBC English आज से अगले दो सप्ताह तक ब्राज़ील, घाना, ईटली, थाईलैंड, न्यूज़ीलैंड मे सूखा और खाद्य संकट पर रोज़ प्रोग्राम प्रसारित कर लोगो की परिशानी को देखा रहा है।श्रीलंका का संकट हम लोग के लिए एक उदाहरण है।
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बिहार मे किसानों ने बांस लगाना शुरू कर दिया है और सब्ज़ी वाले खेत मे बांस से बना चटाई का साया बना रहे हैं ताकि गर्मी से सब्ज़ी जलने से बचे। पटना मे 80 रूपया किलो टमाटर मिल रहा है।अक्टूबर तक देश मे बेरोज़गारी, महँगाई, खाद्य संकट सरकार के कंट्रोल से बाहर हो जाये गा।

रूस की लडाई जल्द ख़त्म होने के आसार नही हैं, मिडिल ईस्ट तेल और गैस का दाम कम नही करे गा, भारत मे कोई विदेशी निवेश दो साल नही हो गा। आप लोग ज्ञानवापी मे शिव लिंग 6 फ़ुट या 12 फीट का निकले इस की चिंता नही किजये बल्कि जिस के पास जमीन है वह खेत मे साग सब्ज़ी लगा कर, बकरी पाल कर खाद्य संकट से देश की जनता की राहत दिजये।
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Some comments on the Post

Mohammed Seemab Zaman आप लोग पैसा बचा कर रखिये, जिस के पास नौकरी है नौकरी बचा कर रखे, जिस के पास रोज़गार है रोज़गार बचा कर रखे, जिस के पास खेत है खेती करे और शीव लिंग या मस्जिद मंदिर को भूल जाईये। यह लोग चालीस साल राम जी को हर गली चौराहा पर लेकर चले अब लिंग को रोड पर लाकर समाज को भटकाते रहें गें।

  • Vikas S शानदार,जानदार कॉमेंट

Neeraj Singh विश्वगुरुवाई का जय साड़ी राम। मैं किसान हूं,। मुर्गी से लेकर सरसो, आलू, गेंहू, मक्का सब पैदा करता हूं। पर किसी हरामखोर परिजीवी को एक दाना भी नही दूंगा। अभी हमारे बचपन के मित्र जमील मियां की बेटी की 19 मई को शादी है, मैने बोल दिया है जो मेरे लायक सेवा हो बेफिक्र होकर बताना, पर विश्वगुरुओ को दांत का मैल नहीं दूंगा।हां जो खाद्य संकट के लिए आपकी भविष्यवाणी है उसके लिए मैं पिछले दो साल से तैयार हूं।

Neshat Karim Shaukat जिस खाद्य संकट की आप निशानदेही कर रहे है उसके लिए हमने अपने घरवालों 2020 से आगाह किया था कि जो भी चावल गेहूं हो रहा खेत मे उसे बेचे नही बचा कर रखे ताकि आने संकट के समय उसका सही उपयोग हो सके।

Kuldeep Singh सर मैं एक किसान हूं धरती का सीना चीर कर चावल गेंहू बाजरा ज्वार चना मसूर सरसों अरहर मूंग उड़द जौ आदि सभी पैदा करता हूं ।।लेकिन आज आपकी बात माफी के साथ काटता हूंक्यों हम अंधभक्त शहरियों को एक दाना भी देंअब भक्त प्रजाति अपने बाप (मोदी सांड गाय मंदिर मस्जिद ) से लेंइन लोगों ने देश को बरबाद कर दिया …इस वर्ष बेमौसम जनवरी में लगातार 5 दिनों तक मूसला धार बारिश ने सभी फसलों को बरबाद कर दियाइस वर्ष गेंहू की पैदावार कम हुई जिससे हमारे जनप्रिय सेवकने गेहूं के निर्यात पर रोक लगा दिया है.

Javed Faridi Ali अनाज दलहन तिलहन सूखी सब्ज़ी को कम अज कम 22 माह तक स्टोर करके रखने का वक़्त है। और बेहतर है के1960 के दौर जैसी ज़िन्दगी बसर करने की आदत बना लें.

Shambhu Kumar गंगा के उत्तर में अभी तापमान ठीक हैपुरवा हवा बह रही हैसब्जी की इतनी ज्यादा आमद हो रही है कि सब सब्जी बीस रुपए किलो मैं मिल रही हैगेंहू की फसल भी अच्छी हुई हैमक्का भी तैयार हो रहा हैकोसी इलाके में आंधी तूफ़ान से कुछ नुकसान हो सकता है लेकिन ग्राउंड वॉटर नीचे चला गया तो इस इलाके के लिए भयावह हो सकती हैआलू दस का किलो मिल रहा है अभीऔर सब्जी वाले किसान को भिंडी करेला नेनुआ का पांच का भाव मिल रहा है.

परवल का मंडी भाव पंद्रह का मिल रहा हैगनीमत है कि पैदावार अच्छी है लेकिन लेबर ट्रांसपोर्टेशन के फिक्स्ड कॉस्ट अल्गोरिथम को नुकसान पहुंचा रहें हैं.

बरौनी डेयरी आठ रुपए किलो में एक नया चारा तैयार कर के बेचना शुरु किया है तो किसान को थोड़ी राहत है भूसा के मुकाबले.

Abuzar Qureshi New सर आपकी भविष्यवाणी के लिए आज से बिल्कुल सतर्क रहेगे ।और लोगो को भी आगे इसकी जानकारी और समझने की कोशिश जरूर करेगे ।आज अपने बहुत खुल कर लिख दिया.

Misbah Siddiki सर,ये बात तो बिल्कुल तय है बहुसंख्यकों के एक बड़े वर्ग और उसके नेताओं को मुल्क की कत्तई परवाह नही। ये ज़हरखुरान गिरोह की तरह के लोग हैं जिन्होने तरक्की की तरफ़ गामज़न तमाम अहले वतन को रास्ते ही में नफ़रत का ज़हर खिला कर पूरे कारवां को लूट लिया हो। अभी भले ही लुटे मुसाफिरों को एहसास नहीं हो लेकिन अगली पीढ़ी का अपनी किस्मत को रोना तय लग रहा है।

  • Mohammed Seemab Zaman हम जो भी figures या पोस्ट करते हैं वह कहीं छपा होता है या किसी बहुत बडे आदमी का कहा होता। इस पोस्ट का जो हेडलाईन है वह कल The Economist, London के Editor-in-Chief, Zanny Minton Beddoes का कल CNN पर Fareed Zakaria के प्रोग्राम पर सूना था। ज़ेनी ने यह भी कहा रूस-यूक्रेन लडाई से पहले दुनिया को यह मालूम है कि यह दो साल disastrous year होगा। यह लडाई तो आग मे तेल का काम किया है।

Faisal Mohammad AliCha I did my programme on this. Drought its effect and Ukraine Russia war and impact. Farmers and traders are saying wheat will be less than 90 million tonnes this year. Yes Indian channels kept focus on Gyanwapi. I just concentrated on something else.

  • Mohammed Seemab Zaman I have quoted, the shortfall figure of 105 million tonnes of wheat is from Financial Times, London dated 11th May 2022.
  • Faisal Mohammad Ali, Mohammed Seemab Zaman yes Cha you are right. Indian government also said this. The same government where the PM claimed that if WTO allowed India can feed the world. He had done the same in the case of Covid vaccine. And later India faced the shortage of the same. What short-sightedness.
  • https://www.youtube.com/watch?v=-2uKdgDgRJw