Post of 15 November 2021

हम दो साल से मिस्री भगवान, देवी, देवताओं और सभ्यता पर लिख रहे हैं और अब यह ‘हिन्दुस्तान अखबार’ भगवान शिव और देवी सेकमेत का #मज़ार भी निकाल लिया।

मिस्र के 5,000-7,000 साल पूराने मंदिरों मे आज भी शिव जी और उन की पत्नी सेकमेत जो मिस्र के सब से बडे भगवान और देवी थे उन की मूर्ती और तस्वीर है।मगर यह हिन्दुस्तान अखबार 367-366 ईसा पूर्व लिख रहा है और क़ब्र निकाल दिया!

इराक़ मे इब्राहिम अलैहिसल्लाम के वालिद बहुत बडे मूर्तीकार थे।मगर वहॉ उस समय जो पुरूष बहुत ताक़तवर, या बडा राजा या बहुत गुणी होता था वह भी भगवान हो जाता था और पूजे जाते थे।अरब के ज्यादा तर देवी या देवता इसी तरह के थे मगर मिस्र की सभ्यता मे सूरज देवता और समुंदर मंथन से भगवान शिव जी निकले थे।शिव की पत्नी सेकमेत से दो औलाद हुई और भगवान का यह सिलसिला चलता रहा।

अभी तो जर्मन शोधकर्ता ने अरब मे शोध शुरू किया है और पोप फ़्रांसिस ने मेसोपोटामिया जा कर एक नये शोध को जन्म दे दिया है।कितना दिन हम लोग मिस्री और अरब के भगवान, देवी, देवताओं की बात लोगों से छुपा कर रखे गें।कुछ दिन ठहर जाईंये और 10-20 पिरामिड खूलने दिजये, फिर यह लोग घर वापसी की बात नही करे गें।
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आजकल कहा जाता है कि राहूल गॉधी मुस्लिम हैं और भारतीय मुस्लिम के पूर्वज हिन्दु थे मगर मिस्र के पिरामिड के भगवान, मेसोपोटामिया, अरब और सिंधु घाटी के शोध को पढ कर पता चल रहा है कि हिन्दु खूद विदेशी हैं।

दो दिन से झूठा इतिहास गढ़ा जा रहा है कि चंद्रगुप्त मौर्य जो जैन धर्म मानते थे, उस ने ग्रीस के सिकंदर को हराया था। मगर यह कोई नही बोल रहा है कि भारत मे पहली “विदेशी बहू” शुद्र कहे जाने वाले चंद्रगुप्त की पत्नी या अशोक की दादी या मॉ सिकंदर के जेनरल की बहन या बेटी थीं।फिर बाद मे हजारो साल जो मुठ्ठी भर आक्रमणकारी भारत आये वह शहजादा सलीम जोगी के अब्बा जान थे।

#नोट: कृप्या निवेदन है कि भारतीय तथाकथित धर्म-गुरू, विश्व प्रसिद्ध दार्शनिक और नेता लोग सैकडो साल से झूठा इतिहास गढ़ना बंद करें। यह Information Age है, पिरामिड खूल रहा है, अरब पेनंसूला मे जर्मन शोध सामने आ रहा है, ऐसा न हो हिन्दुत्वा ख़तरे मे आ जाये।