Post: 03 August 2022
दो दिन से देख रहे हैं लोग सरकार का मज़ाक़ स्पेक्ट्रम निलामी मे उडा रहे हैं। प्रेस लिख रहा है कि 5G स्पेक्ट्रम की बेस प्राइस सरकार ने ही 4.3 लाख करोड़ रखी थी लेकिन सरकार को नीलामी से महज़ 1.5 लाख करोड़ ही मिले यानि 2.8 लाख करोड का घाटा।
लोग विनोद राय का मज़ाक़ उडा कर लिख रहे हैं कि 15 साल पहले ही 2G की नीलामी में सरकार को 1.76 लाख करोड़ दिला रहे थे। मगर यह कोई नही लिख रहा है कि यह पैसा सरकार को अपने ही बिजनेसमैन दे रहे हैं जो सरकारी बैंक से कर्ज ले कर सरकार को दें गें।
रोना तो इस बात का है कि आज बीस साल मे किसी भारतीय कम्पनी ने अपना कोई “Mobile” 3.5G/5G का नही बनाया।130 करोड जनता के पास चीन का Oppo, Xiaomi, Vivo है।चीन का यह तीनो मोबाईल भारत के 60% मोबाईल बाजार का मालिक है और बाक़ी Samsung बेचता है।
चीन की Xiaomi भारी निवेश कर भारत मे चीन से बना पार्टस ला कर बिना duty दिये मोबाईल बना कर बेच रही है और विदेश मे $725 million (6,000 करोड रूपया) मुनाफ़ा भेज रही है। सरकार ने Vivo के भारत मे 48 ठेकाने पर $60 million पकड़ा है। Oppo ने Rs 43.9 billion का टैक्स चोरी किया है मगर इस पर कोई #राष्ट्रभक्त चार साल से कुछ नही बोल रहे हैं।
चीन अरूनाचल और गलवान मे विस्तारवादी हो गया है मगर Alibaba और Tencent भारत मे 2021 मे पिछले साल के बनीसबत तीन गुणा ज्यादा Start-up मे निवेश किया है, यानि जो आविष्कार होगा वह चीन की कम्पनी मालिक हो गी।
भारतीय अखबार लिखता है कि “India becomes second-largest phone maker globally” लेकिन अन्दर न्यूज पढिये गा तो पता चले गा सब चीन बना रहा है।यह हाल है, राष्ट्रवादी पत्रकार और बूद्धजीवियों का (लिंक कौमेंट मे पढें।
सूना है कि Reliance Jio मोबाईल बना रहा है, भगवान करे देशभक्त लोग रिलाएंस मोबाईल खरीद कर राष्ट्रवादी बने और चीन को गरीब देश बनायें।
Comments on the Post
Mohammed Seemab Zaman इस लिंक को खोल कर पढिये गा तो वही है जो हम ने ग्राफ साझा किया है।ग्राफ देखये फिर पढिये तो पता चले गा भारत मे कोई मोबाईल कम्पनी अपनी नही है सब विदेशी है।बताये देशभक्त लोग कर क्या रहे हैं? झूठ परोस परोस कर हम लोगो को बेवक़ूफ़ बना रहे हैं।
Misbah Siddiki आपने सही कहा कि देश में कोई भी मोबाइल कंपनी अपनी दम पर संपूर्ण स्वदेशी फ़ोन नही बना सकती, ‘ फ़्रीडम 251’ के नाम पर देशवासियों को बेवकूफ बना सकते हैं। माइक्रोमैक्स, कॉर्बन, सेलकॉन, स्पाइस, लावा, इंटेक्स और आईबॉल जैसे मेड इन इंडिया मोबाइल का दावा करने वाली कंपनीज भी चाइना मेड मोबाइल बेचती रही हैं। और तो और किसी भी मोबाइल सर्विस प्रोवाइडर की सिम कार्ड अक्सर ही मेड इन चाइना होती हैं।
Jio mobile जोकि इंडियन मेड का दावा था उनके बारे में 2021 में एक ख़बर थी कि जियो का दावा मेड इन इंडिया का है और फ़ोन की बैटरी पर साफ़ लफ़्ज़ों में मेड इन चाइना लिखा था।
अब जियो के गूगल के साझे में बने फ़ोन को देखना होगा कि जियो के ये नए फ़ोन कितना इंडियन होता है कितना चाइना का।
- Hamid Khan, Misbah Siddiki janab all mobile pcb and display even battery also come from ChinaThere is no need to say Make in India, Make in assembly in india.
Guddu Bhai Etisalat telecom (UAE) agar nelami main nahi ho ti to 2G ka bawandar hi nahi hota.
Shalini Rai Rajput झूला तो झूल रहे हैं मगर अगर ताइवान का ईशू बढ़ा और शिप्ट साऊथ चाईना सी पर हुआहम आसमान से गिरेगें और खजूर पर लटकेगें।
- Mohammed Seemab Zaman ताइवान का ईशू बढे गा, और मोबाईल और एलेक्ट्रिौनिक्स सामान और महगॉ हो गा। कल से वेसट्रन मिडिया पेलोसी की खबर को उझाल नही रहा है। आज इसी ताइवान पर पोस्ट करें गें।
Sahid Malick मेड ईन चाइना से भी घटिया मेड ईन इंडिया का मोबाईल रहता है.
Zuber Mansuri Micromax और Lava जैसी इंडियन कम्पनियां थी। जो मार्केट से बाहर कर दी गई या हो गई। ये सरकार को सोचना चाहिए।।