10 April 2023
9/11 के बाद मीडिल ईस्ट अपने पैसा को यूरोप और अमेरिकन बैंक और बॉन्ड मे न रख कर अपना सॉवरेन वेल्थ फँड (Sovereign Wealth Funds) बना कर देश और दुनिया मे निवेश करने लगा।
वेस्टर्न पावर्स द्वारा मीडिल ईस्ट लडाई, यूक्रेन लडाई, अफ्रिका मे खाना जंगी का नतीजा तेल और गैस का दाम $110-200 प्रति बैरल के बीच रहा और सऊदी अरब, नौर्वे, अबू धाबी, कुवैत और क़तर पेट्रो डॉलर (Petrodollar) अपने ख़ज़ाना मे बढ़ाते रहे।
आज अबू धाबी और नौर्वे के पास $1 trillion का सॉवरेन फँड दुनिया मे निवेश के लिए है।सऊदी अरब और क़तर के पास $1 trillion से ज्यादा पैसा निवेश के लिए पडा है और अनुमान है 2025 तक सऊदी अरब, अबू धाबी, कुवैत, क़तर के पास $3 trillion से ज्यादा पैसा निवेश के लिए होगा।
अरब देश अपनी ऑफ़िस मिस्र, इराक़, जोर्डन, बहरीन, ओमान और सुडान मे खोल रहे हैं ताकि अरब और अफ्रिका के देशो मे कृषि, इंफ़्रास्ट्रक्चर, टावर, फरटीलाईजर प्लांट, रिफाईनरी, आर्टीफिशिल इंटेलिजेंस (AI), माईंस और मिनरल्स मे भारी मात्रा मे निवेश करें।
1973 के Oil Boom का सारा पैसा यूरोप और अमेरिका के बैंको और इंफ़्रास्ट्रक्चर मे लगा मगर 9/11, गल्फ़ वार, ईरानी प्रॉक्सी वार, इस्राईली आतंक ने मीडिल ईस्ट मे एक नई सोंच पैदा कर दिया।
अबू धाबी, क़तर, दुबई जिन यूरोप के लोग को अपना पैसा निवेश करने को देते थे उन को अपने यहॉ Tax-free नौकरी और फ्री विज़ा दे कर बोला लिया और दुनिया के बेहतरीन Architect से एमारत, होटल, स्टेडियम, म्यूज़ियम तथा हाई स्पीड ट्रेन और फाईनेनशियल सेंटर बना लिया।
मीडिल ईस्ट ने तुर्की, मिस्र, चीन मे भारी निवेश किया।पाकिस्तान, अफगानिस्तान, इथियोपिया, सोमालिया वगैरह की मद्द किया।अफ्रिका के गरीब देशो को आर्थिक सहायता दिया और आज एक Geopolitical और Economic पावर बन कर दुनिया मे नज़र आ गया।
#नोट: ईरान-सऊदी अरब समझौता पूरे मीडिल ईस्ट के तरक्की मे एक नया अध्याय होगा।उमीद है कि पाकिस्तान की राजनीति तेज़ी से बदले गी, पाकिस्तानी आर्मी (Establishment) का बर्चस्व ख़त्म होगा, पाकिस्तान एक नये युग मे प्रवेश करे गा।