Post of 16 September 2022
उजबेकिस्तान के एतिहासिक शहर समरक़ंद मे चल रहे एससीओ सम्मेलन मे 1946 के बाद पहली बार “बहुध्रुवीय विश्व” की दुनिया सब को नज़र आई।इस समरकंद समीट मे 21वी सदी का “दुनिया के सयासत का एक तवारीख” लिखा गया है जो एशिया के नये नस्ल को दस साल बाद नज़र आये गा।
इस समीट मे अरदोगान सभी नेताओ से मिले और पुटिन तथा दूसरे नेताओ के साथ बैठ कर सुबह का नाश्ता किया।अरदोगान ने चीन के राष्ट्रपति शी जिंपिंग से बंद कमरे मे मिटिंग किया।
अरदोगान ने समीट के अपने भाषण मे कहा कि “तुर्किया की स्थिती पश्चिम और पूर्व के देशो के बीच अद्वितीय है” (Turkiya has unique position with West and East). शी जिंपिंग ने अरदोगान को कहा कि चीन तुर्किया के साथ संबंध को और मज़बूत करना चाहता है।शी ने चीन के बेल्ट और रोड योजना मे तुर्किया के राजनीतिक विश्वास (political trust) की तारीफ़ किया।अरदोगान ने कहा वह चीन के साथ मेगा-प्रोजेक्ट शरू करने जा रहा है ताकि दोनो देश विकास करें।
रूस के पुटिन ने अरदोगान से दुनिया की राजनीति पर बहुत देर बात किया।अरदोगान ने कहा हम लोग यूक्रेन लडाई के ख़त्म करने की योजना पर काम कर रहे हैं।पुटिन ने अरदोगान को खाद्य समझौता पर शुक्रिया कहा और कहा इस समझौता के कारण दुनिया मे अनाज का दाम नही बढा।
भारत के प्रधानमंत्री भी पुटिन से मिले और कहा “यह कालखण्ड लडाई का नही है”, पुटिन ने कहा कि वह चाहते हैं कि लडाई जल्द ख़त्म हो।
#Note: Historically, Muslims are asset and not a liability for India.