Post of 1st January 2025
#2025 मे हम लोग दुनिया की बदली सियासत की नई तस्वीर देखे गें जिस मे “मिडिल इस्ट- तुर्की- रूस- ईरान- चीन” दुनिया के सियासत के खिलाड़ी होंगें।
*1992-95 के बोस्निया के क़त्ल आम, Fears, Pains, Screams ने 1923 के बाद तुर्की की सियासत को बदला और आज सौ साल बाद तुर्की फिर एक ताक़तवर मूल्क बन कर अपनी बिसात यूरोप, सेंट्रल एशिया और अफ्रिका मे बिछा दिया।
*जिस तरह से बोस्निया ने तुर्की के लोगों की सोंच और सियासत को बदला उसी तरह से 2023-24 के ग़ज़ा क़त्ल-आम का असर सीरिया के लोगों की सोंच और सियासत पर हुआ। अगले चार-पॉच साल मे सीरिया एक ताक़तवर मूल्क बन कर उभरे गा क्योकि उस के पास भी तेल की दौलत बहुत है।
*ग़ज़ा के क़त्ल-आम, Fears, Pains, Screams मुस्लिम देशों की सियासत को बदल दिया और अब 2025 मे मिडिल ईस्ट दुनिया का Geo-political और Geo-economic सेंटर बन कर उभरे गा। दुबई और अबूघाबी एशिया-यूरोप का “मीटिंग पॉइंट” होगा।
*बंग्लादेश Country of the Year होगा। पचास साल बाद बंग्लादेश की सियासत बदल जाये गी जो भारत के नोर्थ इस्ट की सियासत को हमेशा के लिए बदल देगा।
*चीन दुनिया की सियासत मे खुल कर हिस्सा लेना शुरू करे गा। राष्ट्रपति शी जिनपिंग के कल के नये वर्ष के संदेश का नारा “No one can stop the Taiwan’s reunification with China” से ट्रम्प चीन से अब डर कर चीन के खिलाफ बोली मे बदलाव लायें गें।
*ट्रम्प और अमेरिका का डर दुनिया में ख़त्म हो गया क्योंकि ग़ज़ा और यूक्रेन क़त्ल-आम ने अमेरिका की साख को ख़त्म कर दिया। ट्रम्प को चीन से ज़्यादा यूरोपियन मुल्कों से चुनौती मिले गा क्योंकि यूरोप की Economy तेल और गैस के बढ़े दाम के वजह कर बर्बाद हो गई है।
*मेक्सिको की राष्ट्रपति Claudia Sheinbaum ट्रम्प के लिए बहुत बड़ा खतरा साबित होंगी जैसे ज़ेलेंसकी यूरोप के लिए बर्बादी लाये।
*2025 मे सौ साल बाद, संघ के सोंच मे बदलाव आये गा क्योंकि सौ साल मे संघ ने देश और दुनिया को केवल “मज़दूर” और “लेबर” दिया। संघ ने देश की आबादी, नदी, जलवायु, उपजाऊ ज़मीन आदि इत्यादि किसी का कोई फ़ायदा समाज और देश को नही होने दिया, केवल रामजन्मभूमि के।
*संघ की सौ साल की असफलता, संघ को यह सोंचने पर मजबूर कर देगी के “मुसलमानों के बेग़ैर भारत का भाग्य अधूरा है”
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