‘दी टेलिग्राफ़’ मे 8 June को रामचन्द्र गुहा जो पत्रकार और इतिहासकार के नाम से मशहूर है की आर्टिकल भेजा जिस मे गुहा साहेब ने सोनिया गॉंधी को इब्न खलदून की किताब पढ़ने को कहा है ताकि उन को पता चले की उन का बेटा राहूल गॉंधी जो चौथा पुश्त है वह अब कुछ नही कर सकता है।

मेरा कहना है कि गुहा साहेब और उन के दोस्त अनिल महेश्वरी दोनो सोनिया गांधी के पहले ख़ुद इब्न खलदून को पढ़ ले और यह जान जाये वह ज़माना गया जो आप बुद्धिजीवी जो लिख दे गे वह दुनिया समझ ले गी। गुहा साहेब और उन के दोस्त महेश्वरी को शर्म आया की यह लिखे कि यह चुनाव 3M (men, machine, money) का खेल था और नेहरू भी पैदा हो जाये तो 60 सीट से ज्यादा नही जीत सकते है।

इब्न खलदून इस्लामिक इतिहासकार है जो Tunis मे 1332 मे पैदा हुऐ। कहा जाता है वह Seville मे पैदा हुऐ जो ग़लत है। उनहोने सात (7) volume मे इस्लाम की तारीख़ लिखी। जिस का पहला वौलूम है “Muqaddimah मुक़द्दमा” जिस मे उनहोने ‘एक आदमी, एक समाज, एक क़ौम, एक देश” का “socio-economic and political dynamics model” दिया है।

खलदून लिखते है जिस व्यक्ति मे शिक्षा, ईमानदारी, न्याय, दूसरे के लिए प्रेम, धर्म का सही पालन करे गा उस का तीसरा पुश्त तरक़्क़ी के शिखर पर होगा और इस तीन पुश्त को 120 साल बताया है।यही बात उनहोने एक समाज, क़ौम और देश के लिए कहा है। अभी जो देश की हालत है वह सब को मालूम है।

1980 के दशक के बाद देश मे न सही से धर्म का पालन हो रहा है, न न्याय है, न सभों को शिक्षा है न बराबरी, न ही equal distribution of wealth है उस मे राहूल, सोनिया कुछ नही कर सकते हैI जो हो रहा है गुहा साहेब वह भविष्य के लिए बहुत भयानक हो रहा है, गॉंधी परिवार को दोष मत दिजये।