Post of 02-01-2023
हम ने अपने कई पोस्ट मे पिछले साल लिखा है कि वर्ष 2022 ने सौ साल की दुनिया बदल दी।राहुल गांधी का 2022 का “भारत जोडो यात्रा” भी आपदा-ग्रस्त (disaster-ridden) देश को बदलने के पहल के लिए याद रखा जाये गा।
भारत जोडो यात्रा मे राहुल गांधी चालीस साल से किसी “संगठन विशेष” द्वारा समाज मे लगातार घोले जा रहे ज़हर को हर जगह पहली बार परिभाषित (define) कर रहें जो कांग्रेस या समाजवादी या कम्युनिस्ट पार्टी मे किसी के कहने की हिम्मत नही थी क्येकि प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से सभी उसी संगठन विशेष की सोंच के थे।
संगठन विशेष के बुद्धिजीवि 9/11 के बाद के बदली दुनिया को समझ नही पाये और अपने सौ साल की सोंच पर कायम रह कर यूरोप और अमेरिका की आंख से विश्वगुरू बनने का सपना देखते और देखाते रहे और देश को आपदा ग्रस्त कर दिया।
फरवरी 2022 मे रूस द्वारा यूरोप को आपदा मे झोंकने के 6 महीना बाद कांग्रेसियो को यकीन हो गया कि दुनिया बदल गई है और अब कांग्रेस को संगठन विशेष से दूरी बनानी होगी वरना रूस-चीन एक्सिस महान ऐतिहासीक देश भारत के लिए अच्छा नही है।
7 सितंबर 2022 से राहुल गांधी की भारत जोडो यात्रा भारत की वैसी ही एक यादगार यात्रा साबित होगी जैसी मोहनदास करमचंद गांधी की “दांडी यात्रा” (1930) यादगार है।
मोहनदास गांधी की तरह सौ साल बाद भारत को एक नया संत राहुल गांधी के रूप मे मिला है, जो एक बडी बरबादी के बाद आपदा-ग्रस्त भारत को बदले गा।
सब लोग बिना किसी भेद-भाव, जाति-पांति के राहुल गांधी के साथ जुटें और उन के कंधा से कंधा मिला कर चलें।भारत निश्चित बदले गा मगर समय लगे गा।