Post of 22nd June 2021
“आज Syed Imran Balkhi साहेब ने लिखा “नेपाली प्रॆधानमंत्री बोल रहे हैं कि योगा भारत से नहीं निकला है। तो फिर शोधकर्ताओं के लिए तो एक नयी चुनौती आ गई।उधर मिस्र इधर नेपाल शोधकर्ताओं का नहीं बचेगा बाल। हिन्दुत्व के कारण अंतर-राष्ट्रीय स्तर पर उठ रहा है हर बार नया नया वबाल”
मिस्र मे एक मशहूर महावरा है “आदमी समय से डरता है, समय मिस्री पिरामिड से डरता है” मगर हमारे चितपावनी हिन्दुत्व के चक्कर मे मिस्र से खूल रहे राज़ से अंतर-राष्ट्रीय स्तर पर शोध करा कर भारत मे हिन्दु धर्म पर नया बवाल खडा कर दे गें।
शिव जी से लेकर तीर-धनुष और योगा तक मिस्र के भगवान, मंदिर और सभ्यता सब अब पिरामिड खूलने पर 7000 साल बाद सब को नज़र आ रहा है। भारत मे तो मंदिर ही बन्ना 1300 साल पहले 700 AD मे शुरू हुआ जबकि मिस्र मे कारनक मंदिर 5000 BC यानी सात हजार साल पहले बना है।
नीचे रंगीन तस्वीर योगा की देखये।यह सब तस्वीर पिरामिड के दिवार पर रंग और रौग़न के साथ बनी है। वहॉ प्राचीन काल मे 40 योग थे जो लोग मन की शांति और शारीरिक सुख के लिये करते थे।इस का मतलब नेपाल के आदरणीय प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली जी ने सही कहा के योगा भारत से नही आया है।
मिस्र के मंदिर के पुजारी लगोंट भी पहनते थे, मुर्दा का ममी बनाते समय। हमारे यहॉ भी बाबा जी लंगोट पहनते हैं।ईश्वर से प्रार्थना है सब पिरामिड जल्दी खोल दे ताकि चितपावनी मध्य-पूर्व जा कर जन्म स्थान का दावा ढोकें।